कौशल विकास मंत्रालय की पहल, छह राज्यों के महिला कॉलेजों में खुलेंगे 30 AI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
सरकार और माइक्रोसॉफ्ट ने मिलकर महिलाओं के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। देश के छह राज्यों के महिला महाविद्यालयों में 30 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी जहां छात्राओं को उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप 240 घंटे का विशेष पाठ्यक्रम प्रदान किया जाएगा। यह पहल महिलाओं को एआई के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए तैयार करेगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के बढ़ते महत्व को देखते हुए केंद्र सरकार ने महिलाओं का इस क्षेत्र में कौशल विकास कर आगे बढ़ाने का निर्णय किया है। देश के छह राज्यों के महिला महाविद्यालयों में 30 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू करने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ एमओयू किया है।
उद्योगों और रोजगार बाजार की आवश्यकता के अनुरूप छात्राओं के लिए माइक्रासॉफ्ट द्वारा राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के साथ मिलकर 240 घंटे का पाठ्यक्रम शुरू करेगा।
एआई के क्षेत्र में करियर बनाने का सुनहरा मौका
कौशल विकास मंत्रालय की ओर से बताया गया कि प्रत्येक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से संबंधित राज्य के टीयर-टू और टीयर-थ्री श्रेणी शहरों के 150 महिला महाविद्यालय जोड़े जाएंगे। इन सभी महिला महाविद्यालयों में विशेष स्नातक एआई पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। इन केंद्रों का उद्देश्य 240 घंटे के पाठ्यक्रम से छात्राओं को उद्योग की आवश्यकता के अनुरूप कौशल से लैस करते हुए एआई के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए दक्ष बनाना है।
मिलेंगी ये सुविधाएं
- यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र देने के साथ ही इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप, फेलोशिप की सुविधा देंगे। नौकरी के अवसरों के साथ-साथ नवाचार-आधारित उद्यमिता के लिए भी मार्गदर्शन करेंगे। सरकार का उद्देश्य फिलहाल 20,000 महिलाओं को एआई संबंधित वर्कफोर्स में शामिल कराने का है।
- सरकार ने एमओयू के दौरान चिन्हित राज्यों की घोषणा नहीं की, लेकिन मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के अलावा राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु में से किसी एक राज्य को इस योजना में शामिल किया जाना प्रस्तावित है।
- एमओयू के दौरान कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयन्त चौधरी ने कहा कि यह पहल इस बात का उदाहरण है कि कैसे सरकार व उद्योग एक साथ मिलकर समावेशी और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल को आकार दे सकते हैं।
यह भी पढ़ें: अब भारत में ही मिलेगी सौर पैनलों के टेस्टिंग की सुविधा, सरकार ने बनाया ये प्लान
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।