लोकतंत्र का असल मतलब समझेंगे Gen-Z... स्कूलों में आयोजित होंगी प्रतियोगिताएं, सरकार ने बनाया खास प्लान
भारत सरकार जेन-जी को भटकाव से बचाने के लिए स्कूली स्तर से ही लोकतंत्र को समझाने की पहल कर रही है। पंचायतीराज मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय मिलकर आदर्श युवा ग्राम सभा प्रतियोगिताएं आयोजित करेंगे। कक्षा 9 से 12 तक के छात्र अपने संवैधानिक अधिकार समझेंगे और लोकतांत्रिक ढंग से समस्याओं का समाधान करना सीखेंगे।

जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। कोई नेपाल में जेन-जी (युवा पीढ़ी) के प्रदर्शन को लोकतांत्रिक अधिकार बताने लगा तो किसी ने लद्दाख की हिंसा को इससे जोड़ दिया। मगर, भारत सरकार चाहती है कि जेन-जी और उसके बाद आने वाले जेन अल्फा और जेन बीटा किसी भी तरह के भटकाव की राह पर जाने की बजाए स्कूली स्तर से ही लोकतंत्र को समझे।
इस दिशा में बड़ी पहल करते हुए पंचायतीराज मंत्रालय ने शिक्षा मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ मिलकर आदर्श युवा ग्राम सभा प्रतियोगिताएं आयोजित कराने का निर्णय लिया है। इनके माध्यम से कक्षा नौ से 12 तक के छात्र समझेंगे कि उनके संवैधानिक अधिकार और कर्तव्य क्या हैं, वह अपनी समस्याओं-आकांक्षाओं को लोकतांत्रिक ढंग से कैसे उचित मंच पर उठा सकते हैं और संपूर्ण प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी कैसे हो सकती है।
राष्ट्रीय स्तर पर भी होंगी प्रतियोगिताएं
क्षेत्र और राज्य स्तर के बाद यह प्रतियोगिताएं राष्ट्रीय स्तर पर भी होंगी। पंचायतीराज मंत्रालय ने निर्णय किया है कि सबसे पहले केंद्रीय विद्यालयों से इन प्रतियोगिताओं की शुरुआत की जाए। चूंकि, सबसे अधिक आबादी ग्रामीण भारत में रहती है और वहां ग्राम पंचायत के रूप में लोकतंत्र की प्रथम सशक्त सीढ़ी होती है, इसलिए आदर्श युवा ग्राम पंचायत प्रतियोगिता की शुरुआत जवाहर नवोदय विद्यालयों और एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों से की जाएगी। प्रतियोगिता की शुरुआत देशभर के एक हजार विद्यालयों से की जा रही है।
मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सुशील कुमार लोहानी का कहना है कि आज जो छात्र स्कूलों में पढ़ रहे हैं, वह 18 वर्ष की उम्र के होते ही अपनी-अपनी ग्राम सभा के सदस्य भी बन जाएंगे। उनका अधिकार है कि वह ग्राम सभा की बैठकों में शामिल होकर गांव के विकास के मुद्दे उठाएं। संबंधित सरपंच या पंचायत अधिकारियों से प्रश्न करें। समस्याओं का समाधान कराएं। चूंकि, जागरुकता का अभाव होने के चलते अभी भी ग्राम सभाओं में ग्रामीण नागरिकों की भागीदारी उतनी नहीं होती, इसलिए पंचायतीराज मंत्रालय चाहता है कि आदर्श युवा ग्राम सभा प्रतियोगिता कराई जाए।
अधिकारों को समझेंगे युवा
इसके लिए जब स्कूली छात्रों को तैयार किया जाएगा तो काल्पनिक ग्राम सभा की बैठक आयोजित होगी। सरपंच होंगे, अधिकारी होंगे, ग्राम सभा सदस्य होंगे। मुद्दे उठाए जाएंगे, विमर्श होगा, एजेंडा और मीटिंग मिनट्स तैयार होंगे। मेरी पंचायत एप की तरह ही इस प्रतियोगिता के लिए वैसा ही एप भी बनाया जाएगा। इस तरह छात्र पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को समझेंगे। भविष्य में वह इसी प्रक्रिया के तहत समाज में अपनी भागीदारी निभाएंगे, दायित्वों-अधिकारों को समझेंगे।
अतिरिक्त सचिव मानते हैं कि इस तरह गांवों में ऐसी जेन-जी तैयार होगी, जिसके सामने मजबूत लोकतंत्र की प्रक्रिया स्पष्ट होगी और इस तरह लोकतंत्र की नींव देश में मजबूत होगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। स्कूलों की प्रतियोगिता पहले क्षेत्र, फिर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर होगी। पहले वर्ष में एक हजार स्कूल इसमें शामिल किए हैं और उसके बाद यह माड्यूल राज्यों को दिया जाएगा, ताकि वह भी राज्य स्तर पर ऐसी प्रतियोगिता शुरू कर इसे देशभर में पहुंचाने में सहयोग करें।
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