Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    11 से 17 जनवरी तक मनाए जाने वाले सड़क सुरक्षा सप्ताह में जागरूकता के साथ सख्ती पर भी जोर

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Mon, 09 Jan 2023 09:43 PM (IST)

    अगले दस साल में केंद्र सरकार मार्ग दुर्घटनाओं में पचास प्रतिशत की कमी लाना चाहती है। इसी को देखते हुए मंत्रालय यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सड़क सुरक्षा सप्ताह जैसे आयोजन केवल रस्म अदायगी न हों बल्कि परिणाम देने वाले हों।

    Hero Image
    मंत्रालय ने एजेंसियों से कहा- रस्म अदायगी न हो सड़क सुरक्षा सप्ताह

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मार्ग दुर्घटनाओं और उनमें लोगों की जान जाने के मामले में देश के खराब रिकार्ड से चिंतित सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने संबंधित एजेंसियों से इस बार सड़क सुरक्षा सप्ताह को पूरी गंभीरता से मनाने के लिए कहा है। 11 से 17 जनवरी तक आयोजित किए जाने वाले इस सप्ताह को परिणामदायक बनाने पर जोर है। दुनिया में हर साल जितनी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं उनमें 11 प्रतिशत से ज्यादा भारत में होती हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंत्रालय जारी की एक रिपोर्ट

    मंत्रालय की हाल में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में 412432 मार्ग दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 153972 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जो विश्व में सबसे अधिक है। मंत्रालय ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) और नेशनल हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनएचआइडीसीएल) को लिखे पत्र में कहा है कि मार्ग दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सड़क सुरक्षा के लिए प्रयास कर रही हैं, लेकिन बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

    केंद्र सरकार मार्ग दुर्घटनाओं में लाना चाहती कमी

    अगले दस साल में केंद्र सरकार मार्ग दुर्घटनाओं में पचास प्रतिशत की कमी लाना चाहती है। इसी को देखते हुए मंत्रालय यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सड़क सुरक्षा सप्ताह जैसे आयोजन केवल रस्म अदायगी न हों, बल्कि परिणाम देने वाले हों। सड़क सुरक्षा से संबंधित एक अधिकारी के अनुसार सभी एजेंसियों से कहा गया है कि लोगों को जागरूक बनाने के साथ ही सख्ती भी आवश्यक है।

    नियमों का उल्लंघन

    इन्फोर्समेंट राज्य सरकारों की एजेंसियों का काम है, लेकिन मंत्रालय चाहता है कि सड़कों पर सख्ती दिखाई भी दे ताकि नियमों का उल्लंघन करने वालों को नसीहत दी जा सके। सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान रांग साइड ड्राइविंग और हाईवे-एक्सप्रेस वे में प्रतिबंधित वाहनों के प्रवेश को रोकने पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है। अकेले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर पिछले तीन दिनों में रांग साइड ड्राइविंग और नो एंट्री वाले दोपहिया-तिपहिया वाहन चालकों के एक हजार से ज्यादा चालान इसी कोशिश का हिस्सा हैं।

    रोड सेफ्टी के लिए सभी पक्षों को अपना योगदान देना होगा: अधिकारी

    इस तरह की कार्रवाई सभी राजमार्गों और एक्सप्रेस वे पर शुरू की जा चुकी हैं। इसी तरह यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि पैदल चलने वाले हर जगह से सड़क पार न करें, बल्कि केवल फुट ओवर ब्रिज और अंडरपास से ही ऐसा करें। अधिकारी के अनुसार रोड सेफ्टी के लिए सभी पक्षों को अपना योगदान देना होगा, जिनमें एनजीओ भी शामिल हैं। इसी संदर्भ में मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि सड़क सुरक्षा सप्ताह को उसकी सही भावना के साथ मनाया जाना जरूरी है, क्योंकि इसमें जितनी गंभीरता से योगदान दिया जाएगा ही उतना लक्ष्य पाना सुगम होगा।

    यह भी पढ़ें- विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए भारत में कैंपस की राह खुली, डिजिटल यूनिवर्सिटी से गांव तक पहुंचेगी नई शिक्षा

    यह भी पढ़ें- Fact Check: फटे कपड़ों में पढ़ रहे बच्चों की यह तस्वीर भारत की नहीं बल्कि कंबोडियाई स्कूल की है