'वो तो ईआरओ ने खुद पकड़ा था', अब महाराष्ट्र के राजुरा मामले में राहुल गांधी पर चुनाव आयोग का पलटवार
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के राजुरा विधानसभा सीट पर राहुल गांधी के ऑनलाइन वोट जोड़ने के आरोपों का खंडन किया है। आयोग के अनुसार राजुरा में ऑनलाइन माध्यम से किसी का नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ा गया था बल्कि गलत जानकारी के साथ नाम जुड़वाने की कोशिश की गई थी जिसे मतदाता पंजीयन अधिकारी ने पकड़ा था। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के राजुरा विधानसभा सीट में ऑनलाइन वोट जोड़े जाने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से लगाए गए आरोपों पर शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ी।
आयोग ने कहा कि राजुरा में किसी का नाम मतदाता सूची में ऑनलाइन नहीं जोड़ा गया था, बल्कि गलत नाम जुड़वाने की कोशिश की गई थी। जिसे मतदाता पंजीयन अधिकारी (ईआरओ) ने स्वयं पकड़ा। इसकी जांच कराने के बाद एफआईआर भी दर्ज कराई गई।
चुनाव आयोग ने क्या बताया?
राजुरा ईआरओ के हवाले से आयोग ने बताया कि एक से 17 अक्टूबर 2024 के बीच मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए 7592 आवेदन आए। बीएलओ ने इसकी जांच की तो इनमें पता आदि गलत मिला। संदेह बढ़ा तो मामले की विस्तृत जांच कराई गई। इनमें 6861 आवेदन को जांच के बाद तुरंत ही निरस्त कर दिया गया। इन बोगस आवेदनों के आधार पर बाद में 2024 में एफआइआर दर्ज कराई गई, जिसका नंबर 629 है।
राहुल गांधी ने क्या लगाया था आरोप?
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले की राजुरा विधानसभा सीट का जिक्र करते हुए कहा था कि यहां भी वोटों में हेरफेर के लिए ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हुआ था।
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