निरक्षर लोगों के जीवन में अब दिखेगा उल्लास, भरे जाएंगे जरूरत के सभी रंग; शिक्षा मंत्रालय ने साक्षरता अभियान को नए सिरे से दे रही रफ्तार
शिक्षा मंत्रालय की इस पहल और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिश के बाद राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ( एनसीइआरटी) ने इसे लेकर एक पाठ्यक्रम पुस्तक भी तैयार की है। जिसमें शब्द व संख्या ज्ञान के साथ उनकी आम जरूरतों से जुड़े सभी विषयों को शामिल किया है जो उनके जीवन में उल्लास के साथ ही एक नया रंग भी भरेंगे।

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। देश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने के लिए छिड़ा अभियान अब सिर्फ शब्द और संख्या ज्ञान तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि इनमें निरक्षर लोगों को वह सारी शिक्षा भी दी जाएगी, जिससे उनके जीवन में एक नया उल्लास दिख सके। खासकर वह उन ज्ञान से अपनी जरूरत के सारे काम निपटा सकेंगें। इनमें बैंकों से जुड़े लेन-देन, साइबर सुरक्षा, मतदान, सेहत और रेल यात्रा आदि से जुड़ी सीख भी दी जाएगी। फिलहाल शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर उल्लास ( अंडरस्टैंडिंग लाइफलॉग लर्निंग फार आल इन सोसाइटी ) नाम से एक नया अभियान शुरू किया है। जिसमें 2030 तक देश को शतप्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है।
शिक्षा मंत्रालय की इस पहल और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिश के बाद राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ( एनसीइआरटी) ने इसे लेकर एक पाठ्यक्रम पुस्तक भी तैयार की है। जिसमें शब्द व संख्या ज्ञान के साथ उनकी आम जरूरतों से जुड़े सभी विषयों को शामिल किया है, जो उनके जीवन में उल्लास के साथ ही एक नया रंग भी भरेंगे।
इस नई अध्ययन सामग्री के जरिए निरक्षर लोगों को सबसे अधिक मतदान, बैंकिंग और सेहत के प्रति जागरूक किया गया है। जिसमें उनके साथ बातचीत आधारित सामग्री भी तैयार की गई है। यानी आप वोटिंग के बारे में क्या जानते है। यह क्यों जरूरी है। क्या आपने कभी वोट दिया है। क्या आपने कोई चुनाव लड़ा है। किस उम्र में मतदान का अधिकार मिलता है। आदि।
साइबर सुरक्षा को लेकर भी निरक्षर लोगों को किया गया जागरूक
इसी तरह बैकिंग के दौरान पैसा जमा करने और निकासी का फार्म भरना उन्हें बताया गया है। साइबर सुरक्षा को लेकर भी निरक्षर लोगों को जागरूक किया गया है। जिनमें उन्हें अपना पिन, ओटीपी और खाते की जानकारी किसी से भी साझा न करने की बात बताई गई है। रेल यात्रा के बारे भी पढ़ाया जाएगा। इनमें टिकट में पीएनआर कहां होता है। टिकट में सीट की जानकारी कहां होती है आदि जैसी सामान्य जानकारियों भी उन्हें अब दी जाएगी।
इन सात विषयों पर फोकस है अध्ययन सामग्री
निरक्षर लोगों से जुड़ी अध्ययन सामग्री में अब तक आमतौर पर भाषा और गणित पर ही फोकस रहता है,लेकिन अब इनमें इसके अतिरिक्त अन्य सात विषयों को भी शामिल किया है। इनमें परिवार और पड़ोस, बातचीत, हमारा रहन-सहन, हमारे आसपास, खान-पान और सेहत, मतदान, कानूनी जानकारी आदि शामिल है। इस सामग्री को आनलाइन भी तैयार किया गया है। जिसे दीक्षा पोर्टल पर अपलोड़ किया गया है।
अभी भी 18 करोड़ से अधिक असाक्षर होने की अनुमान
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक मौजूदा समय में देश में 18 करोड़ से अधिक लोगों के असाक्षर होने का अनुमान है। हालांकि वर्ष 2011 की जनगणना में देश में 25 करोड़ से अधिक असाक्षर लोग थे। मंत्रालय के मुताबिक पिछले सालों में साक्षरता के क्षेत्र में हुई प्रगति के आधार पर अब फिलहाल इनकी संख्या 18.12 करोड़ होने की अनुमान है। ऐसे में 2030 तक इन सभी लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही देश शत-प्रतिशत साक्षर भी हो जाएगा। वैसे भी विकसित भारत के लिए यह एक अहम पड़ाव है।
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