कुलपतियों की नियुक्ति से जुड़े मसौदे पर शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया रुख, बोले- किसी के हित प्रभावित नहीं रहे
केंद्रीय मंत्री प्रधान ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सीपीआई (एम ) सांसद जॉन ब्रिटास की ओर से केंद्र पर राज्यों के विश्वविद्यालयों पर नियंत्रण करने के आरोपों पर दो टूक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इससे न तो राज्य के हित प्रभावित हो रहे है न उनके हकों को छीना ही जा रहा है। इससे करीबी और रिश्तेदारों की नियुक्ति पर रोक लगेगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति से जुड़े यूजीसी के प्रस्तावित मसौदे पर सवाल खड़ा करने वालों को दो टूक जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि इन नियमों से विश्वविद्यालयों में कुलपति जैसे शीर्ष पदों पर अपने करीबी और रिश्तेदारों की नियुक्ति पर रोक लगेगी। इससे न तो राज्य के हित प्रभावित हो रहे है, न उनके हकों को छीना ही जा रहा है।
आरोपों पर दिया जवाब
केंद्रीय मंत्री प्रधान ने यह जवाब मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास की ओर से केंद्र पर राज्यों के विश्वविद्यालयों पर नियंत्रण करने के लगाए गए आरोपों के बाद दिया।
जॉन ब्रिटास के आरोपों पर प्रधान ने सदन में खड़े होकर स्थिति साफ की और कहा कि इनमें कुछ भी सत्य नहीं है। वह चाहती है कि सभी राज्यों में कुलपति जैसे शीर्ष पदों पर अच्छे लोगों की नियुक्ति हो। इसके लिए यूजीसी ने एक मसौदा जारी किया है, जिस पर सुझाव मांगे गए है।
नियमों में सुधार का हवाला
- उन्होंने कहा कि कोई भी सुझाव दे सकता है। लेकिन इन नियमों से जो बड़ा सुधार होगा, उनमें कुलपति के पद को करीबों लोगों और पत्नी को नियुक्ति नहीं दी जा सकेगी। देश के कई राज्यों में ऐसी स्थिति देखने को मिल रही थी। जो तुरंत रुकना चाहिए। नए नियमों से मदद मिलेगी।
- प्रधान ने इस दौरान ब्रिटास से भी मसौदे को लेकर अपने सुझाव देने को कहा। इस पर ब्रिटास ने कहा कि अच्छा है कि यह मसौदा है। यानी इसमें अभी सुधार हो सकता है। गौरतलब है कि यूजीसी की ओर से इस मसौदे के जारी होने के बाद से केरल, तमिलनाडु सहित कई राज्य इसके खिलाफ मोर्चा खोले हुए है।
शिक्षा मंत्रियों की बैठक
शिक्षकों व कुलपतियों की नियुक्ति से जुड़े यूजीसी के मसौदे को लेकर मोर्चा खोले केरल, तमिलनाडु सहित सात राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की पांच फरवरी को बेंगलुरु में एक बैठक रखी गई है।
इनमें केरल, तमिलनाडु के साथ ही कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना के उच्च शिक्षा मंत्री शामिल हो रहे है। कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने एक्स पर इसकी पुष्टि की है।
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