Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Budget 2025: छात्रों को घर के नजदीक मिलेगी बेहतर उच्च शिक्षा, यूजीसी सहित पीएम उच्चतर शिक्षा अभियान के बजट में बढ़ोत्तरी

    Updated: Mon, 03 Feb 2025 10:15 AM (IST)

    सरकार की ओर से यूजीसी के साथ प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के बजट (Education Budget 2025) में बढ़ोत्तरी की गई है। इसके साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों को बहुविषयक संस्थान बनाने पर जोर दिया जा रहा है ताकी देश में उच्च शिक्षा का ढांचा मजबूत हो एवं उच्च शिक्षा के लिए दूसरे देश जाने वाले छात्रों की संख्या में कमी आये और वे अपने यहां ही शिक्षा हासिल कर सकें।

    Hero Image
    केंद्रीय बजट में यूजीसी एवं प्रधानमंत्री योजनाओं के बजट में की गई बढ़ोत्तरी।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: बजट में सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सहित प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के बजट (Education Budget 2025) में जिस तरह की बढ़ोतरी की है, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में देश में उच्च शिक्षा का ढांचा व मजबूत होगा। खासकर उच्च शिक्षा के लिए दूसरे देश जाने वाले छात्रों की संख्या में कमी आएगी। अभी देश के अधिकांश हिस्सों में बहुविषयक उच्च शिक्षण संस्थान या विश्वविद्यालय न होने से छात्रों को एक जिले से दूसरे जिलों या फिर राज्यों में जाना पड़ता है। जो न सिर्फ उन संस्थानों पर दाखिले का दबाव बढ़ाता है, बल्कि पढ़ाई के उनके खर्च को भी बढ़ाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उच्च शिक्षण संस्थानों को बहुविषयक संस्थान बनाने पर जोर

    बजट में उच्च शिक्षा की इन्ही चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों के ढांचे को मजबूत बनाने की मंशा जाहिर की है।यह पहल इसलिए भी अहम है क्योंकि इससे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की एक अहम सिफारिश की भी पूर्ति होगी। जिसमें 2040 तक देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को बहुविषयक संस्थानों तब्दील करने पर जोर है। वैसे भी सरकार ने नीति के तहत 2035 तक देश में उच्च शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 50 प्रतिशत तक पहुंचाने का जो लक्ष्य रखा है, इससे उसकी पूर्ति भी होगी। जो देश को विकसित राष्ट्रों के साथ खड़ा करने में एक अहम पड़ाव भी है।

    यूजीसी के बजट में 33 प्रतिशत बजट की बढ़ोत्तरी

    मौजूदा समय में चीन में उच्च शिक्षा का जीईआर 51 प्रतिशत, अमेरिका का 88 , ब्रिटेन का 60 और जर्मनी 70 प्रतिशत है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस बजट में यूजीसी के बजट में 33 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी और पीएम उच्चतर शिक्षा अभियान में 920 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है। पिछले वर्ष पीएम उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत सिर्फ 895 करोड रुपये दिए गए थे, जिसको इस बार 1,815 करोड़ किया गया है।

    यूजीसी को पिछले वर्ष 2,500 करोड़ दिए गए थे, जिसे बढ़ाकर 3,335 करोड़ किया गया है। उसके बजट में 33 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। बजट में आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे संस्थानों को क्षमता विकास के लिए बजट में इस बार 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की गई है। अकेले आईआईएम के बजट में ही करीब 19 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

    पीएमश्री स्कीम का बजट भी बढ़ा

    पीएमश्री स्कीम का बजट 66 प्रतिशत बढ़ायाइसी तरह से देश में आदर्श सरकारी स्कूल बनाने के लिए शुरू की गई पीएमश्री स्कीम के बजट में भी इस बार 66 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वैसे भी पीएम मोदी का यह अहम प्रोजेक्ट है। जिसमें वह देश में नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों को खड़ा करना चाहते है। इस स्कीम के तहत अब तक देश के 12 हजार स्कूलों को चयनित किया गया है। हालांकि, इसके देश भर में 14,500 स्कूलों को बनाने का लक्ष्य था, लेकिन बंगाल, तमिलनाडु, केरल अभी इसमें शामिल नहीं हुए है।

    यह भी पढ़ें- मेडिकल कॉलेज में बढ़ेंगी 75000 सीटें, IIT के लिए भी कई बड़े एलान; जानिए छात्रों को बजट में क्या मिला