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    'SC-ST, OBC की 13 गुना अधिक भर्ती', आरक्षण को लेकर राहुल गांधी के आरोपों पर धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 09:50 PM (IST)

    शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी के एससी एसटी और ओबीसी पदों पर आरोपों का खंडन किया। उन्होंने लोकसभा में कहा कि मोदी सरकार में संप्रग सरकार की तुलना में इन वर्गों की 13 गुना अधिक भर्तियां हुई हैं। प्रधान ने आंकड़ों के साथ स्पष्ट किया कि कैसे मोदी सरकार के दौरान रिक्त पदों का प्रतिशत कम हुआ है।

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    एससी, एसटी और ओबीसी प्रोफेसरों की कमी का गणित भी समझाया (फोटो: पीटीआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आईआईटी, आईआईएम समेत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी, एसटी और ओबीसी के पद खाली होने के आरोपों पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को आईना दिखाया है। आंकड़ों के साथ प्रधान ने बताया कि संप्रग सरकार की तुलना में मोदी सरकार के दौरान इन संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग से 13 गुना अधिक भर्तियां हुई हैं।

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    राहुल गांधी की सामान्य समझ पर सवाल उठाते हुए प्रधान ने कहा, 'अगर उनकी सरकार के दौरान ओबीसी, एससी-एसटी समाज के लोगों की न्यायोचित नियुक्तियां असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई होतीं तो वे लोग आज प्रोफेसर होते। लेकिन कांग्रेस ने एससी-एसटी और ओबीसी के लोगों की भागीदारी ही विश्वविद्यालयों में सुनिश्चित नहीं की।'

    झूठ और कुतर्क का पहाड़ खड़ा करने का आरोप

    राहुल गांधी पर झूठ और कुतर्क का पहाड़ खड़ा करने का आरोप लगाते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि 2014 में मोदी सरकार के आने के समय केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्वीकृत 16,217 पदों में 37 प्रतिशत रिक्त थे, जिनमें एससी के 57 प्रतिशत, एसटी के 63 प्रतिशत और ओबीसी के 60 प्रतिशत पद थे। वहीं मोदी सरकार आने के बाद स्वीकृत पदों की संख्या 18,951 हो गई, लेकिन उनमें रिक्त पदों का प्रतिशत 25.7 प्रतिशत रह गया।

    इनमें भी एससी में महज 13 प्रतिशत, एसटी में 6.6 प्रतिशत और ओबीसी में 22.8 प्रतिशत ही पद रिक्त बचे हैं। प्रधान के अनुसार संप्रग सरकार के 10 वर्षों में आईआईटी में 83 एससी, 14 एसटी और 166 ओबीसी की नियुक्ति की गई। इसकी तुलना में मोदी सरकार के 10 वर्षों में आईआईटी में 398 एससी, 99 एसटी और 746 ओबीसी की भर्ती हुई। इसी तरह से आईआईएम में संप्रग सरकार के दौरान चार एससी, तीन एसटी और आठ ओबीसी की नियुक्ति की तुलना में मोदी सरकार के दौरान 68 एससी, 16 एसटी और 115 ओबीसी की भर्ती हुई।

    प्रोफेसरों की कमी का गणित भी समझाया

    • संप्रग सरकार में एनआईटी में 261 एससी, 72 एसटी और 334 ओबीसी की नियुक्ति हुई थी, जबकि मोदी सरकार में 929 एससी, 265 एसटी और 1,510 ओबीसी की नियुक्ति हुई है। राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी, एसटी और ओबीसी प्रोफेसरों की कमी का गणित भी समझाया।
    • उन्होंने कहा कि जो नियम उनके परिवार ने कांग्रेस पार्टी में लागू किया है, उसी नियम से सरकारी सेवाओं में नियुक्तियां नहीं होतीं। सरकारी सेवाओं में नियुक्ति और प्रोन्नति के नियम हैं। जो असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त होता है, वह एक समय अवधि के बाद प्रोफेसर बनता है। प्रधान ने कहा, हकीकत यह है कि राहुल गांधी ने अपनी सरकार में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर एससी-एसटी और ओबीसी के हक छीनने का काम किया है।

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