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    PFI ने कैंप में हथियार चलाना सिखाया, हवाला के पैसे से भारत में फैला रहा था आतंक; ED का खुलासा

    By Agency Edited By: Sachin Pandey
    Updated: Sat, 19 Oct 2024 09:58 PM (IST)

    PFI प्रवर्तन निदेशालय ED ने शुक्रवार को प्रतिबंधित कट्ट्रपंथी संगठन पीएफआई को लेकर कई बड़े खुलासे किए जिसमें ईडी ने बताया कि संगठन के सिंगापुर और खाड़ ...और पढ़ें

    केंद्र सरकार ने पीएफआई पर 2022 में प्रतिबंध लगा दिया था। (File Image)

    एएनआई, नई दिल्ली। प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सिंगापुर और खाड़ी देशों जैसे कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई में 13 हजार से अधिक सक्रिय सदस्य हैं। ईडी ने शुक्रवार को बताया कि पीएफआई ने खाड़ी देशों में रहने वाले प्रवासी मुस्लिमों के लिए जिला कार्यकारी समितियां (डीईसी) बनाई हैं।

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    इन समितियों को फंड जुटाने का काम सौंपा गया है। प्रत्येक डीईसी को कई करोड़ रुपये फंड जुटाने का लक्ष्य दिया गया है। विदेश से जुटाए गए फंड को गई धनराशि को बैंकिंग चैनलों के साथ-साथ हवाला चैनलों के माध्यम से भारत में ट्रांसफर किया गया था, ताकि उनके स्त्रोत का पता न लगाया जा सके।

    पीएफआई के नेताओं की हुई थी गिरफ्तारी

    उसके बाद रकम को पीएफआई को उसके आतंकी और गैरकानूनी गतिविधियों की फंडिंग के लिए लिए दिया गया। केंद्र सरकार ने 28 सितंबर, 2022 को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय एनआईए ने पीएफआई के कई नेताओं को देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था।

    ईडी ने यह भी दावा किया कि पीएफआई शारीरिक शिक्षा की कक्षाओं की आड़ में हथियार चलाने का प्रशिक्षण दे रहा था। इसका मकसद विभिन्न धर्मों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और आतंकी गतिविधियों के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना था।

    हथियार चलाने का दे रहा था प्रशिक्षण

    ऐसा ही एक मामला 2013 में शस्त्र शिविर का मामला था, जिसमें पीएफआई अपने कार्यकर्ताओं को कन्नूर जिले के नारथ में हथियार शिविर में विस्फोटकों और हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दे रहा था। ईडी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, 'जांच से पता चला है कि पीएफआई के वास्तविक उद्देश्य इसके संविधान में बताए गए उद्देश्यों से अलग हैं। पीएफआई के वास्तविक उद्देश्यों में जिहाद के माध्यम से भारत में एक इस्लामी आंदोलन को अंजाम देने के लिए एक संगठन का गठन करना शामिल है।'

    ईडी ने कहा, 'हालांकि पीएफआई खुद को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है। पीएफआई ने विरोध के अहिंसक तरीकों का इस्तेमाल करने का दावा किया, लेकिन सबूतों से पता चलता है कि उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विरोध के तरीके हिंसक प्रकृति के हैं।'