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    फर्जी मान्यता के दावे और 415 करोड़ की हेरफेर, ED की जांच में Al-Falah यूनिवर्सिटी पर बड़ा खुलासा

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 10:42 AM (IST)

    Al-Falah University: फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी मनी लॉन्ड्रिंग और करोड़ों की हेराफेरी के आरोपों के कारण चर्चा में है। ईडी ने यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है, जिसमें अभिभावकों से फर्जी मान्यता के नाम पर करोड़ों रुपये हड़पे गए थे। जवाद को 13 दिन की ईडी कस्टडी में भेजा गया है। इस यूनिवर्सिटी का संबंध एक बड़े टेरर मॉड्यूल और दिल्ली बम धमाके से मिला है।  

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    फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंक का अड्डा बनी फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) पिछले कई दिनों से चर्चा में है। प्रवर्तन निदेशायल (ED) ने मंगलवार की शाम को ही चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया था। वहीं, अब यूनिवर्सिटी में करोड़ों की हेराफेरी के सबूत मिले हैं।

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    ईडी का आरोप है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी और उसे नियंत्रित करने वाले ट्रस्ट ने कम से कम 415.10 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है। यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले अभ्यार्थियों के माता-पिता को फर्जी मान्यता के दावे करके करोड़ों रुपये हड़पे गए हैं। कोर्ट ने जवाद अहमद को 13 दिन की कस्टडी पर भेजने का आदेश दिया है।

    ईडी ने कसा शिकंजा

    ईडी ने अदालत के सामने आरोप पत्र दाखिल करते हुए जवाद अहमद की रिमांड की मांग की थी। जवाद को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट PMLA की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है। ईडी मामले की जांच करते हुए अन्य सबूत जुटाने की कोशिश कर रही है। ईडी ने अल-फलाह ग्रुप के खिलाफ 14 नवंबर को मामला दर्ज किया था, जिसके तहत कार्रवाई करते हुए ईडी ने यह कदम उठाया है।

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    जामिया नगर स्थित अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट कार्यालय से जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर ले जाते ईडी अधिकारी। जागरण

    करोड़ों के घोटाले के मिले संकेत

    ईडी ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की 2014-15 से 2024-25 के बीच आयकर रिटर्न की जांच की है। इसमें ट्रस्ट ने करोड़ों रुपये के लेन-देन को स्वैच्छिक योगदान और शैक्षिक प्राप्तियों के रूप में दिखाया है। इस जांच में ईडी को 415.10 करोड़ रुपये के घोटाले के संकेत मिले हैं।

    ईडी ने मांगी कस्टडी

    ईडी ने अदालत से सिद्दीकी की कस्टडी की मांग करते हुए बताया कि यूनिवर्सिटी के फीस स्ट्रक्चर, डोनेशन, फंड फ्लो और बेनामी संपत्ति समेत अवैध फंड की जांच के लिए जवाद सिद्दीकी को कस्टडी में लेना बेहद जरूरी है। सिद्दीकी का ट्रस्ट पर काफी प्रभाव है। ऐसे में अगर उसकी कस्टडी जांच एजेंसी को नहीं सौंपी गई, तो वो सभी सबूतों के साथ छेड़छाड़ करते हुए फंड की हेराफेरी कर सकता है। ईडी की मांग पर मुहर लगाते हुए अदालत ने 13 दिन के लिए जवाद की कस्टडी ईडी को सौंप दी है।

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    दिल्ली में लाल किले के सामने हुआ था बम धमाका। फाइल फोटो

    क्या है पूरा मामला?

    बता दें कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी में बड़े टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने 10 नवंबर को फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कई सफेदपोश संदिग्धों समेत भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया था। इसके बाद राजधानी दिल्ली में लाल किले के सामने विस्फोट देखने को मिला, जिसके तार भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी से ही मिले हैं। गृह मंत्रालय ने इस पूरे मामले की जांच NIA को सौंपी है।

    (समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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