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    केरल CM के साथ उनके मंत्री पर ED का एक्शन, 467 करोड़ के फेमा उल्लंघन मामले में कारण बताओ नोटिस

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 08:30 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केआईआईएफबी के अधिकारियों को 466.91 करोड़ रुपये के फेमा उल्लंघन के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। माकपा ने इसे राजनीतिक से प्रेरित बताया है, जबकि ईडी के अनुसार, केआईआईएफबी ने मसाला बांड के माध्यम से धन जुटाया था, जिसमें फेमा नियमों का उल्लंघन हुआ है। राज्य सरकार ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है।

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    केरल CM के साथ उनके मंत्री पर ED का एक्शन (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईडी ने मसाला बांड मामले में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (केआइआइएफबी) के अधिकारियों को 466.91 करोड़ रुपये के कथित विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) उल्लंघन के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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    सीएम के अलावा ईडी ने पूर्व वित्त मंत्री थामस इसाक और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव केएम अब्राहम को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है। केरल की सत्तारूढ़ माकपा ने ईडी की इस कार्रवाई को ''राजनीतिक से प्रेरित'' करार दिया और दावा किया कि यह राज्य की जनता के लिए एक चुनौती है।

    पार्टी ने ED की आलोचना की

    पार्टी के प्रदेश सचिव एमवी गोविंदन ने ईडी की आलोचना करते हुए कहा कि नोटिस उनके ''राजनीतिक खेल'' का हिस्सा है। इसाक ने आरोप लगाया कि राज्य में चुनाव नजदीक हैं और ईडी केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए प्रचार कर रही है।

    वरिष्ठ कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन ने भी आरोप लगाया कि यह केंद्र द्वारा माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ''भाजपा समर्थक'' रुख अपनाने के लिए ''मजबूर'' करने का एक प्रयास है।

    बहरहाल, अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि यह नोटिस 12 नवंबर को फेमा के तहत स्थापित 'नामित प्रवर्तन निदेशालय निर्णायक प्राधिकरण' द्वारा जारी किया गया था। केआइआइएफबी के अध्यक्ष के रूप में 80 वर्षीय विजयन, बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में केरल के पूर्व वित्त मंत्री इसाक और केआइआइएफबी के सीईओ के रूप में अब्राहम को नोटिस जारी किए गए हैं।

    अधिकारियों ने क्या बताया?

    अधिकारियों ने बताया कि यह नोटिस केआइआइएफबी और उसके अधिकारियों द्वारा फेमा प्रविधानों और आरबीआइ के मुख्य निर्देशों के कथित उल्लंघन से संबंधित है, जिसकी राशि 466.91 करोड़ रुपये है। हालांकि, राज्य सरकार ने इस मामले में किसी भी गड़बड़ी से इन्कार किया है।

    ईडी अधिकारियों ने बताया कि केआइआइएफबी एक कार्पोरेट निकाय है जिसने 2019 में ईसीबी (बाह्य वाणिज्यिक उधार) के तहत बांड के माध्यम से 2,672.80 करोड़ रुपये जुटाने के लिए लंदन और सिंगापुर स्टाक एक्सचेंजों में 'मसाला बांड' जारी किया था।

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