10 साल में ED ने की कितने मामलों की जांच और कितनों का किया निवारण, सरकार ने संसद में दिया ब्योरा
राज्यसभा में सरकार ने बताया कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े अपराधों के लिए विशेष अदालतों में 49 क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि 2015 से जून 2025 तक ईडी ने पीएमएलए अदालतों से 15 लोगों के खिलाफ आठ सजा आदेश प्राप्त किए। एनआईए में 28% पद खाली हैं। 2010 से 2024 तक माओवादी हिंसा में 81% कमी आई है।

पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने राज्यसभा को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साढ़े दस सालों में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े अपराधों के लिए विशेष अदालतों के समक्ष 49 मामले बंद करने के लिए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित बयान में कहा कि जांच एजेंसी ईडी ने 2015 से जून 2025 के बीच मनी लांड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट (पीएमएलए) अदालतों से 15 लोगों के खिलाफ आठ सजा आदेश प्राप्त किए हैं।
सदन में मंत्री से पूछा गया था मामलों को ब्योरा
सदन में उनसे ईडी के 2015 से दर्ज उन सभी मामलों का ब्योरा पूछा गया था, जिनमें अभी तक अदालतों में आरोपपत्र भी दाखिल नहीं किया गया है और ना ही आरोपितों का ट्रायल शुरू हुआ है। साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से मुकदमे बंद करने का भी ब्योरा मांगा गया।
केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने दिया ये जवाब
इस पर मंत्री ने कहा, ''जनवरी, 2015 से जून, 2025 के बीच प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट, 2002 के प्रविधानों के तहत 5,892 मामलों की जांच की है।'' चौधरी ने कहा कि जून, 2025 तक विशेष अदालतों ने इन मामलों में आठ सजा आदेशों में 15 व्यक्तियों को दोषी ठहराया है। जवाब में ईडी की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्टो के कारणों का उल्लेख नहीं किया गया है। अदालतों ने यह माना है कि यदि प्राथमिक मामला किसी न्यायालय के समक्ष है, तो पीएमएलए मामला अपने आप समाप्त हो जाएगा।
एनआईए में 28 प्रतिशत पद रिक्त
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी एनआईए में 28 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। इस साल तीस जून तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार देश की प्रमुख जांच एजेंसी के कुल 1901 पदों में कुल 541 पद रिक्त हैं। इस राष्ट्रीय एजेंसी में इंस्पेक्टर के 77 पद, सब इंस्पेक्टर के 93 और 54 पद एएसआई के खाली हैं। इसके अलावा खाली पड़े पदों में 12 एसपी और 11 एएसपी के हैं।
माओवादी हिंसा में 81 प्रतिशत कमी
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि वर्ष 2010 के मुकाबले वर्ष 2024 में माओवादी हिंसा में नागरिकों की होने वाली मौतों में 81 प्रतिशत तक की कमी आ गई है। जबकि सुरक्षा बलों की जान जाने में 85 प्रतिशत की कमी आई है। वामपंथी उग्रवादी संगठनों से प्रभावित हिंसा वाले जिलों में भी भारी कमी हुई है। वर्ष 2013 में जहां माओवादी हिंसा से प्रभावित 126 जिले थे जो अब घटकर अप्रैल, 2025 तक मात्र 18 जिले ही रह गए हैं।
सांसदों के सहायकों को विशेष पास नहीं
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने लोकसभा में कहा कि सरकारी इमारतों में प्रवेश के लिए अब सांसदों के सहायकों को विशेष पहचान पत्र जारी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। गैर प्रतिबंधित क्षेत्रों के लिए अब उनके मौजूदा पासों को भी मान्य नहीं माना जाएगा। उन्होंने बताया कि सांसद गृह मंत्रालय के सचिवालय सुरक्षा संगठन के सुरक्षा कवर में सरकारी इमारतों में प्रवेश कर सकते हैं। सांसदों के पीए को रिसेप्शन से विजिटर पास जारी किए जाएंगे।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर अपडेट का फैसला नहीं
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 16 जून, 2025 को जनगणना कराने के अपने इरादे को गजट में अधिसूचित कर दिया है। जनगणना दो चरणों में होगी। पहले चरण में घरों की सूची और जनगणना, घरों के हालात, संपत्ति और सुविधाओं के आंकड़े जुटाए जाएंगे। जबकि दूसरे चरण में देश की आबादी की प्रकृति, प्रत्येक घर व व्यक्ति के सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक ब्योरे दर्ज करने के साथ जातीय गणना भी होगी।
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