Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    बैंक ऋण घोटाले में ईडी का शिकंजा, बकिंघम पैलेस के पास 150 करोड़ की संपत्ति की अटैच

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 10:44 PM (IST)

    ईडी ने ₹1400 करोड़ के बैंक ऋण घोटाले में एस. कुमार्स नेशनल वाइड लिमिटेड के पूर्व सीएमडी नितिन कासलीवाल से संबंधित लंदन में ₹150 करोड़ की संपत्ति अटैच ...और पढ़ें

    Hero Image

    जांच एजेंसी ईडी। (एएनआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जांच एजेंसी ईडी ने 1400 करोड़ रुपये के बैंक ऋण घोटाले में प्रसिद्ध कपड़ा उद्योग कंपनी एस. कुमार्स नेशनल वाइड लिमिटेड और इसके पूर्व सीएमडी नितिन कासलीवाल से संबंधित 150 करोड़ रुपये की एक अचल संपत्ति को अटैच किया है। यह संपत्ति लंदन में ब्रिटिश राजघराने के बकिघम पैलेस के पास स्थित है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बताया कि मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिग रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत संपत्ति को अटैच करने के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया गया था। ईडी ने कहा, बकिंघम पैलेस के पास स्थित यह ''उच्च मूल्य'' संपत्ति नितिन शंभुकुमार कासलीवाल और उनके परिवार के सदस्यों के ''लाभकारी स्वामित्व'' में है।

    कासलीवाल पर भारतीय बैंकों के एक संघ को 1,400 करोड़ रुपये का धोखा देने का आरोप है। विदेश में स्थित संपत्तियों को अटैच करने के बाद ईडी उस देश की समकक्ष जांच एजेंसियों से संपर्क करता है ताकि आपराधिक प्रविधानों के तहत ऐसी संपत्तियों का कब्जा लिया जा सके।

    कई टैक्स हेवेन में कंपनियों का जाल

    एजेंसी ने आरोप लगाया कि कासलीवाल ने एस. कुमार्स नेशनल वाइड लिमिटेड के माध्यम से बैंकों के संघ को धोखा दिया और ''विदेशी निवेशों'' के बहाने धन को भारत से बाहर मोड़ दिया और इसके बाद विदेशों में अचल संपत्तियों का अधिग्रहण किया, जिन्हें विदेशी न्यायालयों में निजी ट्रस्टों और कंपनियों की जटिल संरचना के माध्यम से ''छिपाया'' गया।

    ईडी ने इस मामले में 23 दिसंबर को छापे मारे और कुछ दस्तावेज और उपकरण जब्त किए। इस सामग्री का विस्तृत विश्लेषण यह दर्शाता है कि नितिन कासलीवाल ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, जर्सी और स्विट्जरलैंड सहित कई आफशोर टैक्स हेवन्स में ट्रस्टों और कंपनियों का एक जटिल नेटवर्क स्थापित किया।

    ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि नितिन कासलीवाल ने कैथरीन ट्रस्ट (पूर्व में सूर्य ट्रस्ट) की स्थापना की, जिसमें वह और उनके परिवार के सदस्य प्राथमिक लाभार्थी थे। यह ट्रस्ट जर्सी और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में स्थित कैथरीन प्रापर्टी होल्डिंग लिमिटेड (सीपीएचएल) नामक एक कंपनी को ''नियंत्रित'' करता था, जिसने लंदन में अटैच की गई अचल संपत्ति का स्वामित्व रखा।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)