सोशल मीडिया के लिए चुनाव आयोग का दिशा-निर्देश जारी
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दल अपने प्रचार के लिए ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्किंग साइटों का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। यह देखते हुए चुनाव आयोग ने इन साइटों पर विज्ञापन जारी करने के लिए राजनीतिक दलों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है। इनमें यह भी कहा गया है कि विज्ञापन जारी करने से पह
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दल अपने प्रचार के लिए ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्किंग साइटों का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। यह देखते हुए चुनाव आयोग ने इन साइटों पर विज्ञापन जारी करने के लिए राजनीतिक दलों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है। इनमें यह भी कहा गया है कि विज्ञापन जारी करने से पहले उन्हें उसका विषय वस्तु सही है या नहीं इसका प्रमाण पत्र लेना होगा।
आयोग ने इन सोशल नेटवर्किंग साइटों को कहा है कि वे राजनीतिक दलों और किसी प्रत्याशी द्वारा विज्ञापन पर किए गए खर्च का ब्योरा रखें ताकि आयोग को जब जरूरत पड़े तो उन्हें पेश कर सकें। प्रमुख सोशल नेटवर्किंग साइटों को मंगलवार को लिखे अलग-अलग पत्र में आयोग ने उन्हें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान उनके द्वारा जो जारी की गई सामग्री गैर कानूनी या दुर्भावनापूर्ण या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। कहा गया है कि सोशल मीडिया को जो दिशा निर्देश जारी किया गया है वह पेड न्यूज की समस्या पर लगाम लगाने के आयोग के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है। सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपनी प्रचार नीति के तहत खासकर युवा मतदाताओं को रिझाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। हाल में दिल्ली विधानसभा के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अपने पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए फेसबुक और ट्विटर का बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया था।
चुनाव आयोग में निदेशक धीरेंद्र ओझा ने कहा कि आयोग के निर्देश इंटरनेट आधारित सोशल मीडिया पर लागू होंगे जिनमें ट्विटर, यू-ट्यूब, फेसबुक और विकिपीडिया शामिल है। वह चुनाव प्रक्रिया में मीडिया की भूमिका पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। ओझा ने कहा, 'हम लोगों ने सोशल मीडिया को सभी जिलों और राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणीकरण एवं निगरानी कमेटियों से पहले प्रमाण पत्र लेने को कहा है।'
कार्यशाला में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय देव ने कहा कि आयोग उम्मीदवार और राजनीतिक दल सोशल मीडिया का दुरुपयोग नहीं कर सकें इसके लिए हर संभव प्रयास करेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह सोशल मीडिया का गला घोंटने का प्रयास नहीं है। देव ने कहा कि पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज के 54 मामले सामने आए थे।
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