वैज्ञानिकों ने ईजाद किया टीबी की सटीक जांच का तरीका
तपेदिक यानि टीबी एक विशेष प्रकार के बैक्टेरिया के संक्रमण से होता है और यह बैक्टेरिया एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में सांस से फैलता है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। क्षय रोग यानी टीबी की सटीक जांच की दिशा में बड़ी कामयाबी मिली है। वैज्ञानिकों ने मशीन लर्निंग आधारित जांच की ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे उन मरीजों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिनमें टीबी के सक्रिय होने के आसार ज्यादा रहते हैं। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के शोधकर्ताओं का कहना है कि विभिन्न बायोमार्कर की मदद से ज्यादा बेहतर जांच संभव है। प्रोफेसर र्यान बैले ने कहा, ‘मल्टी-एरे टेस्ट की मदद से संक्रमण को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।’ अनुमान के मुताबिक, दुनिया में करीब दो अरबलोग टीबी के निष्क्रिय संक्रमण से पीड़ित हैं। इनमें से 10 फीसद मामलों में यह सक्रिय है। अभी जांच से इस बात का पता नहीं लगता है कि किस मरीज में संक्रमण सक्रिय होने के आसार ज्यादा हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि सही जांच से सही इलाज का रास्ता खुलेगा। इससे किसी मरीज को ज्यादा दवाओं के कारण होने वाले साइड इफेक्ट से बचाना संभव होगा।
क्या है टीबी (ट्यूबरक्लोसिस), तपेदिक
तपेदिक एक गंभीर बीमारी है तो संक्रमण से फैलती है और यह आपके फेफड़ों को प्रभावित करती है। तपेदिक एक विशेष प्रकार के बैक्टेरिया के संक्रमण से होता है और यह बैक्टेरिया एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में सांस से फैलता है। तपेदिक संक्रमणित रोगी जब खांसता या छिंकता है तो उसके नाक मुंह से निकले निकला यह बैक्टेरिया हवा के माध्यम से दूसरे व्यक्ति में सांस द्वारा प्रवेश कर जाता है। १९८५ में एचआइवी के फैलने के साथ बी ट्यूबरक्लोसिस विकसित देशों में फैलना शुरु हुआ। एचआइवी मनुष्य की प्रतिरोधक शक्ति को कमजोर कर देता है और एचआइवी पीड़ित मनुष्य का शरीर टीबी के बैक्टेरिया से लड़ने की क्षमता खो देता है। अमेरिका में स्वास्थ्य संबंधी बड़े पैमाने पर छेड़े कार्यक्रमों के चलते १९९३ में टीबी की मरोजों की संख्या एक बार फिर घटने लगी, पर यह देश अभी भी इस बीमारी को लेकर चिंतित है।
टीबी पर अधिकर दवाएं बेअसर रहती हैं। जो लोग सक्रिय टीबी से पीड़ित हैं उन्हें लंबे समय तक इलाज की जरूरत होती ताकि इस बीमारी की दवा रोधक क्षमता को नष्ट किया जा सके।
टीबी के लक्षण
संभावित है कि आपके शरीर में टीबी का बैक्टेरिया मौजूद हो पर आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता इतनी ताकतवर है कि वह इस बैक्टेरिया को सक्रिय ही नहीं होने देता और आप टीबी रोक से ग्रस्त नहीं होते। इसीलिए डॉक्टर ने टीबी को सक्रिय व निष्क्रिय दो वर्गों में बांटा है
निष्क्रिय टीबीः
टीबी पीड़ित की यह वह हालत है कि आप इस बीमारी के बैक्टेरिया से संक्रमणित तो, लेकिन आप बीमार नहीं है। यानि यह बीमारी आप के शरीर में मौजूद है लेकिन आप इससे प्रभावित नहीं हैं। अतः आप के शरीर में टीबी के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन यह बैक्टेरिया आपके शरीर में कभी भी सक्रिय हो सकता है और आप टीबी रोग से ग्रस्त हो सकते हैं। इसीलिए निष्क्रिय टीबी मरोज को भी इलाज की जरुरत है ताकि इसके और अधिक संक्रमण को रोका जा सके। दुनियाभर में लगभग दो अरब लोग निष्क्रिय टीबी रोग से प्रभावित हैं।
सक्रिय टीबीः
सक्रिय टीबी वह हालात है जब आप टीबी पीड़ित हैं और अब आपसे अन्य लोगों में भी फैल सकता है। यह सक्रमणित व्यक्ति में कुछ दिनों या सप्ताह या सालों में भी सक्रिय हो सकता है।
सक्रिय टीबी के लक्षण
- खांसी जो तीन या ज्यादा हफ्तों तक रहे
- खांसी के साथ खून निकलना
- छाती में दर्द, सांस लेते या खांसते हुए दर्द
- थकान
- बुखार
- ठंड लगना
- भूख कम होना
इसके अलावा टीबी आपके किडनी, रीढ़, दिमाग व शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। जब फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करता है तो बीमारी के लक्षण अलग होते हैं। जैसे कि रीढ़ के टीबी से पीठ में लगातार दर्द रह सकता है। किडनी में टीबी होने से पेशाब में खून आना इसका लक्षण है।
तुरंत मिले डॉक्टर से
लगातार खांसी, बिना कारण वजन में गिरावट, बुखार, रात को सोते पसीना आना। ये सब टीबी के लक्षण हैं पर संभावित है कि ये लक्षण टीबी के भी न हों। आप शीघ्र अपने डॉक्टर से मिलें। रोग निरोधक एवं नियंत्रक केंद्रों पर ऐसे लोगों की जांच करवाएं जिनमें निष्क्रिय टीबी होने के ज्यादा संभावना होती है।
यदि आप एचआवी या एड्स संक्रमणित हैं, IV ड्रग्स का प्रयोग करते हैं तो
टीबी संक्रमणित लोग, या आप लेटिन अमेरिका, अफ्रीका या एशिया में रहने वाले हैं, या आप ऐसी जगह काम कर रहे हैं जहां टीबी मरीज ज्यादा है या आप जेल व नर्सिंग होम में काम करते या आप बच्चे हो और टीबी संक्रमणित के साथ रह रहे है तो ऐसी स्थिति में आप इलाज अवश्य कराएं।
टीबी संक्रमण के कारण
टीबी एक प्रकार के बैक्टेरिया से होता जो संक्रमण से फैलता है। यदि कोई टीबी पीड़ित व्यक्ति आप के आसपास थूकता है, खांसता है, छींकता है, हंसता है या गाना भी गाता है तो संभावना है कि सांस के माध्यम से आप भी टीबी संक्रमणित हो जाएं। लेकिन अगर पीड़ित व्यक्ति जो कम से कम दो सप्ताह से दवा सेवन कर रहा हो तो उससे इसके फैलने की संभावना कम हो जाती है।
एचआइवी और टीबी
1980 में एचआइवी के फैलने के साथ ही टीबी मरोजी की संख्या में भी इजाफा हुआ है। एचआइवी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। बीमारियों की प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण आप आसानी से सक्रिय टीबी से पीड़ित हो सकते हैं।
जिद्दी टीबी
आज 60 साल पहले टीबी से लड़ने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं को प्रयोग में लाया जाता था और अब धीरे धीरे टीबी बैक्टेरिया पर इसका असर नहीं पड़ता। बैक्टेरिया ने एंटीबायोटिक के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है।
खतरनाक स्थिति
टीबी किसी को भी हो सकता है। लेकिन कुछ कारण इसकी संभावना और बढ़ा देते हैं इनमें से कमजोर प्रतिरोधक क्षमता कम है उनमें संभावना बढ़ जाती है। स्वस्थ शरीर में टीबी की बीमारी से लड़ने की भरपूर क्षमता होती है पर यदि आपके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है तो आप टीबी के संभावित मरीज हो सकते हैं।
- एचआइवी/ एड्स
- डायबिटिक
- खतरनाक किडनी की बीमारी
- कैंसर
- कुपोषण
- कम या ज्यादा उम्र
- आस पड़ोस
यदि आप संभावित या प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा कर रहें तो आपके टीबी से संक्रमणित होने की ज्यादा संभावना है। ऐसे देशों में
- अफ्रीका
- पूर्वी यूरोप
- एशिया रूस, लेटिन अमेरिका
- कैरेबियाई द्वीप शामिल हैं
स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव
गरीबी, दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले, iv ड्रग्स या शराब का अधिक प्रयोग शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। अतः अपनी जांच अवश्य कराएं। इसके अतिरिक्त तंबाकू का अधिक प्रयोग भी आपको टीबी के लिए उर्वरक जमीन पैदा करता बिना इलाज के टीबी एक भयानक बीमारी है और इससे मौत भी हो सकती है। इसके साथ ही पीड़ित व्यक्ति इसके दूसरों में फैलाने में भी मदद करता है। यदि आप निष्क्रिय टीबी के लिए पाजिटिव पाए जाते हैं तो आप अपने डाक्टर से संपर्क कर सक्रिय टीबी से छुटकारा पा सकते हैं। केवल सक्रिय टीबी ही अन्य लोगों में फैलता है।
अपने परिवार को भी बचाएं
यदि आप सक्रिय टीबी से पीड़ित हैं तो इसके कीटाणु अपने आप तक ही रखें। इसे फैलने से बचने के लिए दवा का सेवन करें। कुछ सप्ताह दवा का सेवन इसके फैलने से बचा लेता है।
ये सावधानी बरतें
घर पर ही रहें। काम पर न जाएं, स्कूल न जाएं, किसी के साथ कमरे में न सोएं, कमरे में हवा के आने जाने के लिए खिड़की दरवाजे खुले रखें, खांसते, छींकते समय अपना मुहं ढक के रखें, इधर-उधर न थूकें, मास्क पहने,
अपनी दवा का पूरा कोर्स करें
टीबी की बीमारी से ठीक होने के लिए यह आवश्यक है कि आप टीबी की आप दवा का कोर्स पूरा करें। यदि आप ने दवा खाना बंद किया तो फिर संभावना है कि टीबी के कीटाणु दवा प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लें और बाद में दवा आप पर असर न करे।
टीकाकरण
जिन देशों में यह बीमारी ज्यादा संभावित है वहां रहने वाले या जाने से पूर्व अपने बचाव के लिए वेक्सिनेशन अवश्य लें। इसके लिए बीसीजी के टीकाकरण अवश्य करवा लें। हालांकि यह बीसीजी टिके बच्चों में ज्यादा असरदार हैं। बड़ों पर ये बेअसर रहते हैं इसीलिए अमेरिका जैसे देशों में बीसीजी पर प्रतिबंध है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।