दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के जोरदार झटके
उत्तर भारत में रविवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। दिल्ली एनसीआर समेत जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा इससे प्रभावित हुआ। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश पहाड़ी में था और रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.8 मापी गई। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी भूकंप तेज झटके लगे।
नई दिल्ली। उत्तर भारत में रविवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। दिल्ली एनसीआर समेत जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा इससे प्रभावित हुआ। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश पहाड़ी में था और रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.8 मापी गई। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी भूकंप तेज झटके लगे। उत्तर भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में इमारतें थर्रा गईं। पाकिस्तान में भूकंप से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य घायल हो गए।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के संचालन प्रमुख जेएल गौतम के मुताबिक, भूकंप दोपहर बाद तीन बजकर 58 मिनट पर ङ्क्षहदूकुश पहाड़ी क्षेत्र में 190 किलोमीटर की गहराई में आया। दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत में इस दौरान दहशत में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के बाद दिल्ली मेट्रो सेवा को थोड़ी देर के लिए रोक दिया गया। इसके अलावा गुजरात के सूरत और तापी जिलों में दोपहर 3.04 बजे भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.4 मापी गई और इसका केंद्र नंदवी शहर में था। भूकंप से उत्तर भारत और गुजरात में जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
पड़ोसी देशों में असर
पाक अधिकारियों ने भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.1 बताई है। हालांकि अमेरिकी भूविज्ञान सर्वे ने इसकी तीव्रता 6.6 बताई है। इसकी अवधि 10 से 15 सेकेंड रही। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा पर था। इस कारण इस्लामाबाद, पंजाब प्रांत और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत इससे प्रभावित हुआ। पाक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथारिटी ने बताया कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बुनेर इलाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई। मारे गए एक अन्य व्यक्ति का ब्यौरा नहीं मिला है। घायलों के इलाज के लिए पेशावर के अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। अफगानिस्तान में राजधानी काबुल समेत नांगरहर, कुनार, लाघमन, बगलान, कुंदुज और बादखशान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भूकंप की वजह
पृथ्वी के अंदर सात तरह की प्लेटें हैं। ये लगातार घूमती रहती हैं। ऐसे में जब कभी ये प्लेट ज्यादा टकरा जाती हैं, उसे जोन फॉल्ट लाइन कहा जाता है। यही नहीं ज्यादा दबाव बनने पर प्लेटें टूटने लगती हैं और नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती है। धरती के नीचे इस उथलपुथल से भूकंप आता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।