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    देशभर में धूमधाम से मनाया गया दशहरा, JNU में हो गया बवाल; कई राज्यों में बारिश ने डाला खलल

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 02:08 AM (IST)

    बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक दशहरा गुरुवार को देशभर में धूमधाम से मनाया गया।वर्षा की वजह से दिल्ली पंजाबहरियाणा उत्तराखंड और कई अन्य राज्यों में खलल पड़ा।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इंद्रप्रस्थ रामलीला समिति द्वारा आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में शामिल होना था जो अचानक हुई भारी बारिश के कारण रद कर दिया गया।गृह मंत्री अमित शाह बारिश के कारण पीतमपुरा में एक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए।

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    देशभर में धूमधाम से मनाया गया दशहरा (फोटो- एएनआई)

     जागरण टीम, नई दिल्ली। बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक दशहरा गुरुवार को देशभर में धूमधाम से मनाया गया। वर्षा की वजह से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और कई अन्य राज्यों में खलल पड़ा। दिल्ली में मौसम खराब होने के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दशहरा समारोह में शामिल नहीं हो सके।

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    पीएम मोदी नहीं हुए कार्यक्रम में शामिल

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इंद्रप्रस्थ रामलीला समिति द्वारा आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में शामिल होना था, जो अचानक हुई भारी बारिश के कारण रद कर दिया गया। गृह मंत्री अमित शाह बारिश के कारण पीतमपुरा में एक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए।

    जेएनयू में हुआ बवाल

    जेएनयू में रावण के पुतले के 10 सिरों में दिल्ली दंगे की साजिश रचने के आरोपी उमर खालिद और शरजील इमाम की फोटो लगाई गई। अभाविप ने आरोप लगाया कि वाम समर्थित छात्रों ने रावण दहन के दौरान जूते फेंके और कार्यक्रम में बाधा डाली।

    उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विजयदशमी धूमधाम से मनाई गई

    उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विजयदशमी धूमधाम से मनाई गई। वाराणसी में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण का पुतला फूंका गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में विशेष पूजा की। बिहार के पटना में गांधी मैदान में बिहार के सबसे ऊंचे 80 फीट के रावण का पुतला जलाया गया, हालांकि वर्षा के कारण रावण का सिर टूट गया।

    रांची में भी रावण दहन हुआ, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम में भाग लिया। बारिश के बावजूद हजारों लोग रावण दहन कार्यक्रम देखने के लिए उपस्थित रहे। बंगाल में विजयदशमी का त्योहार वर्षा के बीच मनाया गया। जम्मू और कश्मीर में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतले जलाए गए।

    कुछ जगह गीले पुतले जल नहीं पाए

    मैसूर में दशहरा भव्य रूप से मनाया गया, जहां हजारों लोगों ने 'जंबू सवारी' का दृश्य देखा। हरियाणा में कई जगह वर्षा के कारण पुतले भीग गए। कुछ जगह गिले पुतले जल नहीं पाए। बहादुरगढ़ में गिले पुतले को जमीन पर गिराकर आग लगाई गई।

    पंचकूला में रिमोट कंट्रोल खराब होने के कारण मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रावण का दहन नहीं कर सके। पंजाब में जालंधर और होशियारपुर में बारिश के कारण आयोजकों की चिंता बढ़ गई, लेकिन दिन चढ़ने के साथ धूप खिलने पर उत्सव धूमधाम से मनाया गया। देहरादून में परेड ग्राउंड में वर्षा से भीगे पुतलों को जलाने के लिए पेट्रोल का सहारा लेना पड़ा।

    हरिद्वार में वर्षा के कारण रावण का पुतला गिर गया

    हरिद्वार में वर्षा के कारण रावण का पुतला गिर गया, जबकि रुद्रपुर में शाम के समय तेज हवा चलने से रावण और मेघनाथ के पुतले जमीन पर औंधे मुंह गिर गए। बाद में मरम्मत कर इन्हें जलाया गया।

    दशहरा समारोह में शामिल हुईं इल्तिजा मुफ्तीप्रेट्र के अनुसार, श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में दशहरा मनाया गया। इस दौरान पटाखे फोड़े गए और मिठाइयां बांटी गईं। समारोह में पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती भी शामिल थीं। यहां इंदिरा नगर के एक मंदिर से दशहरा स्थल तक एक शोभायात्रा निकाली गई।

    उज्जैन में भगवान महाकाल की निकली सवारीमध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से भगवान महाकाल की सवारी निकली। अवंतिकानाथ मनमहेश रूप में चांदी की पालकी में सवार होकर शमी वृक्ष का पूजन करने दशहरा मैदान पहुंचे। यहां सुबह से रात तक भक्तों का तांता लगा रहा।

    कोटा में जलाया गया विश्व का सबसे ऊंचा 221 फीट का रावण का पुतला

    राजस्थान के कोटा में विश्व के सबसे ऊंचे 221 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन हुआ है। करीब चार महीने की मेहनत के बाद कारीगरों ने 221 फीट का रावण तैयार किया था। 13 हजार किलो वजनी रावण के पुतले को बनाने पर करीब 44 लाख रुपये की लागत आई। रावण के पुतले का 25 फीट का चेहरा फाइबर ग्लास से बनाया गया था। साथ ही 60 फीट का मुकुट रावण के पुतले को पहनाया गया, जिसमें रंग-बिरंगी लाइटें लगाई गई थी।

    इंडिया बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा

    मेघनाद और कुंभकरण के पुतले 60-60 फीट ऊंचे बनाए गए। तीनों पुतलों में ग्रीन पटाखे लगाए गए थे। कोटा दशहरा मेला समिति के अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि पुतले को लेकर कोटा का नाम एशिया बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड एवं इंडिया बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा।