कहीं सोने-चांदी से सजे मंदिर, कहीं पंडाल में लगीं स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें; देखें दुर्गा पूजा पंडालों की मनमोहक सजावट
दशहरा के मौके पर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के श्री कन्याक परमेश्वरी मंदिर को सोने चांदी और करेंसी नोटों से सजाया गया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक मंदिर के अध्यक्ष चंद्र शेखर ने बताया कि यह पूरी सजावट चार करोड़ रुपये में हुई है।
नई दिल्ली, एजेंसी। देशभर में दुर्गा अलग-अलग तरह से सजे दुर्गा पंडालों की चमक देखी जा सकती है। विशेष तरह से की गई सजावट लोगों का मन मोह रही है। कई जगहों पर किसी विशेष थीम पर पंडाल बनाए गए हैं, जैसे पश्चिम बंगाल में एक पंडाल में स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें लगाई गई हैं। तो वहीं, कोलकाता के लेकटाउन में बुर्ज खलीफा की तर्ज पर 150 फीट ऊंचा पंडाल बनाया गया है। तो वहीं दशहरा के मौके पर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के श्री कन्याक परमेश्वरी मंदिर को सोने, चांदी और करेंसी नोटों से सजाया गया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, मंदिर के अध्यक्ष चंद्र शेखर ने बताया कि यह पूरी सजावट चार करोड़ रुपये में हुई है।
पंडाल में लगीं स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें
पश्चिम मेदिनीपुर के मेदिनीपुर शहर में एक दुर्गा पूजा पंडाल में स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें लगाई गई हैं।आयोजन समिति के एक सदस्य ने कल कहा, 'यह पूजा 1934 में बंगाल के स्वयंसेवकों को निराशा के समय में एकजुट करने के लिए शुरू की गई थी।'
बुर्ज खलीफा की तर्ज पर बना पंडाल
कोलकाता के लेकटाउन स्थित श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब को दुर्गा पूजा के लिए सजाया गया है। यहां बुर्ज खलीफा की तर्ज पर 150 फीट ऊंचा पंडाल बनाया गया है। पंडाल के सजावट 300 अलग-अलग लाइटों से की गई है, जो रात के समय पंडाल को और भी ज्यादा आकर्षक बना देती हैं। हालांकि पंडाल किलोमीटर दूरी पर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डे पर विमानों की उड़ान व लैंडिंग में समस्या पैदा कर रहा है।
भक्तों के लिए बनाए गए एक लाख लड्डू
ओडिशा के भुवनेश्वर में दुर्गा पूजा को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है। यहां एक लाख लड्डू बनाए गए हैं जो भक्तों को बांटे जाएंगे। पुराना स्टेशन बाजार पूजा कमिटी के सदस्य देवाशीष जीना ने बताया कि वोलंटियर घर-घर जाकर प्रसाद के रूप में लड्डू लोगों को बांटेंगे।
त्रिपुरा के अगरतला में भक्तों ने 'कुमारी पूजा' का आयोजन किया। यह पूजा परंपरागत रूप से नारीत्व की भावना का जश्न मनाने के लिए की जाती है। आयोजक बासुदेव महाराज ने कहा, 'स्वामी विवेकानंद ने महिलाओं के महत्व को रेखांकित करने के लिए इस पूजा की शुरुआत की थी।'
पश्चिम बंगाल के आनासोल में महिलाओं ने पारंपरिक धुनुची डांस किया। बुधवार को आनासोल के पश्चिम बर्धमान जिले में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने यह पारंपरिक डांस किया।
#WATCH | 'Dhunuchi' dance was organised at a Durga puja pandal in Asansol city of Paschim Bardhaman district, West Bengal on Wednesday pic.twitter.com/BHXhspAJYL
— ANI (@ANI) October 13, 2021
कर्नाटक में एक परिवार ने दशहरा के मौके पर एक टाय एग्जीबिशन लगाई। इसके जरिए बच्चों को दशहरे के इतिहास के बारे में बताया गया। इसमें राजा दशरथ, रामवतार, अष्टलक्ष्मी और अन्य देवी-देवताओं की डाल्स लगाई गईं और इनके जरिए इन अवतारों से जुड़ी कहानियां बच्चों की बताईं गईं।