अन्नदाताओं के चेहरे पर मुस्कान ला रहे किसान ड्रोन, सरकार की सब्सिडी और मुक्त नीति से बढ़ी मांग
ड्रोन का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। केंद्र सरकार भी इसे बढ़ावा दे रही है। केंद्र सरकार कृषि ड्रोन की खरीद पर 40 से लेकर 100 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। लगभग एक हजार ड्रोन किसानों का कामकाज खेतों में कर रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ड्रोन का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। दो साल से भी कम समय में लगभग एक हजार ड्रोन किसानों का कामकाज खेतों में कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन की खरीद पर सरकार सब्सिडी दे रही है, जिसके चलते यह तेजी आई है। सरकार कृषि ड्रोन की खरीद पर 40 से लेकर 100 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। दूसरी तरफ, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कुछ माह पहले कृषि ड्रोन के लिए मुक्त नीति लागू करने की घोषणा की है।
फसल की जांच के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल
इस नीति के तहत कार की तरह कृषि ड्रोन की खरीद कर सिर्फ इसका रजिस्ट्रेशन कराना होता है। कोई भी अधिकृत ड्रोन पायलट उसे उड़ा सकता है। ड्रोन फेडरेशन के अनुसार, मुख्य रूप से फसल पर दवा का स्प्रे और फसल के स्वास्थ्य की जांच के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
किसानों को मिल रही ज्यादा उपज
ड्रोन से दवा का स्प्रे करने से पहले की अपेक्षा किसानों को अधिक उपज की प्राप्ति हो रही है। ड्रोन में लगे कैमरे से गन्ने जैसी फसल की सटीक जांच करने में मदद मिल रही है। अब तो एग्रोकेमिकल्स कंपनियां किसानों को कीटनाशक की खरीद पर उन्हें खेत में ड्रोन से कीटनाशक स्प्रे करने का भी आफर दे रही हैं।
15 हजार करोड़ रुपये का होगा कारोबार
ड्रोन विशेषज्ञों के अनुसार, 2025 तक कामर्शियल ड्रोन का कारोबार लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का होगा और इसमें कृषि ड्रोन की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत होगी। 2030 में कामर्शियल ड्रोन का कारोबार 75 हजार करोड़ तक पहुंच सकता है।
ड्रोन एक दिन में 30 एकड़ खेत में कर सकता है स्प्रे
एक ड्रोन की कीमत छह लाख रुपये तक घरेलू ड्रोन निर्माता कंपनी आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन के निदेशक एवं सह-संस्थापक दीपक भारद्वाज ने बताया कि किसान ड्रोन एक दिन में 30 एकड़ खेत में दवा का स्प्रे या अन्य कार्य कर सकता है। एक एकड़ में छिड़काव के लिए 500 से 900 रुपये के शुल्क लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक किसान ड्रोन की कीमत छह लाख रुपये तक होती है। एक ड्रोन तीन से पांच साल तक चलता है। उनकी कंपनी बांग्लादेश में ड्रोन का निर्यात भी कर रही है।
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