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    डीआरडीअो प्रमुख का बड़ा बयान, मौत से पहले पूर्व राष्ट्रपति कलाम ने दिया था मिसाइल प्लान

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Fri, 26 Jul 2019 11:45 PM (IST)

    डीआरडीअो प्रमुख ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने देश में दोबारा इस्तेमाल होने वाली मिसाइल के विकास का सुझाव दिया था। ...और पढ़ें

    डीआरडीअो प्रमुख का बड़ा बयान, मौत से पहले पूर्व राष्ट्रपति कलाम ने दिया था मिसाइल प्लान

    नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शुक्रवार को बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने देश में दोबारा इस्तेमाल होने वाली मिसाइल के विकास का सुझाव दिया था।

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    यह मिसाइल अपना पेलोड गिराकर फिर वापस आती और दोबारा पेलोड लेकर फिर लक्ष्य की ओर जाती। प्रो. कलाम ने अपने निधन से एक महीने पहले यह सुझाव डीआरडीओ के वर्तमान महानिदेशक सतीश रेड्डी को दिया था। रेड्डी उस समय रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार थे। पूर्व राष्ट्रपति कलाम खुद भी बड़े रक्षा वैज्ञानिक थे। उन्हें भारत का मिसाइल मैन कहा जाता है।

    पांच साल में हर तरह के हथियार बनने लगेंगे देश में

    संगठन प्रमुख सतीश रेड्डी ने कहा, भारत आने वाले पांच साल में रक्षा उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा। तब हम जटिल तकनीक वाले हथियार और रक्षा उपकरण भी हम तैयार करेंगे, किसी भी उत्पाद के लिए हमें विदेश का रुख नहीं करना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि हथियारों और रक्षा उपकरणों के विकास के मामले में डीआरडीओ का इतिहास उपलब्धियों से भरा हुआ है।

    जटिल तकनीक के उपकरणों के लिए भी बन जाएंगे आत्मनिर्भर

    रेड्डी ने बताया कि कई क्षेत्रों के रक्षा उपकरणों के निर्माण के मामले में भारत आत्मनिर्भरता प्राप्त कर चुका है। इनमें विभिन्न क्षमताओं के रडार, युद्ध के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, तारपीडो और कम्युनिकेशन सिस्टम प्रमुख हैं। इस समय हम अपना विमानवाहक युद्धपोत तैयार कर रहे हैं और कई तरह के टैंक विकसित कर रहे हैं। हल्के लड़ाकू विमान तेजस को बनाने के बाद डीआरडीओ अब मार्क 2 आरवी स्टील्थ एयरक्राफ्ट बनाने के प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहा है। पूरा विश्वास है कि आने वाले पांच साल में हम इन सारी परियोजनाओं पर सफलता प्राप्त कर चुके होंगे। इसके बाद हमें किसी भी तकनीक के लिए अन्य देशों का मुंह नहीं ताकना होगा। डीआरडीओ के महानिदेशक रेड्डी ने यह बात एयरॉनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही।

    हर तरह की मिसाइलें और रक्षा उपकरण किए हैं तैयार

    डीआरडीओ ने देश की आवश्यकतानुसार हर तरह की मिसाइलें और रक्षा उपकरण तैयार किए हैं। इनमें परमाणु हथियार लेकर लंबी दूरी तक मार करने वाली बैलेस्टिक मिसाइल भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न क्षमता वाले मल्टी बैरल रॉकेट लांचर भी विकसित किए हैं जिनका भारत ने कारगिल युद्ध में सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर दुश्मन देश के छक्के छुड़ा दिए थे।

     

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