रक्षा और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करेंगे डीआरडीओ- आरआरयू, समझौते पर हुए हस्ताक्षर
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) ने रक्षा और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस् ...और पढ़ें

डीआरडीओ और आरआरयू ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) ने रक्षा और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सोमवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
इसके तहत रक्षा व आंतरिक सुरक्षा से जुड़े अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। इस एमओयू पर 22 दिसंबर को साउथ ब्लाक, नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत, दोनों संगठन संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, पीएचडी और फैलोशिप कार्यक्रमों और सुरक्षा बलों के लिए विशेष प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में सहयोग करेंगे।
आत्मनिर्भरता होगी मजबूत
यह पहल भारत की रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा तकनीकों में आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगी। गृह मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। डीआरडीओ सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और प्रणाली-स्तरीय विशेषज्ञता का योगदान देता है।
इस बीच सेना ने साफ्टवेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) आधारित समाधानों के विकास में सहयोग करने के लिए प्रमुख तकनीकी संस्थान नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। सेना ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट कर बताया कि इस समझौते से स्वदेशी नवाचार-आधारित रक्षा तैयारियों को मजबूत किया जा सकेगा।

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