Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'भारत में मेरे पास कोई जमीन और घर नहीं, बिना वेतन के किया काम', भाजपा के आरोप पर बोले सैम पित्रोदा

    150 करोड़ रुपये के कथित जमीन हड़पने के आरोपों से घिरे इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने भाजपा के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में मेरे पास कोई जमीन घर और शेयर नहीं है। मैंने राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के साथ बिना वेतन के काम किया। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने न तो कभी रिश्वत दी है और न ही ली है।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Thu, 27 Feb 2025 10:55 AM (IST)
    Hero Image
    इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा। ( फाइल फोटो )

    पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा नेता ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा पर बेंगलुरू में 12.35 एकड़ सरकारी जमीन अवैध रूप से हड़पने का आरोप लगाया। अब सैम पित्रोदा ने बुधवार को इन आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में उनके पास जमीन, घर और कोई स्टॉक नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सैम पित्रोदा ने एक्स पर लिखा कि भारत में टेलीविजन और प्रिंट मीडिया में हाल में आई रिपोर्टों के मद्देनजर मैं स्पष्ट रूप से यह कहना चाहता हूं कि भारत में मेरे पास कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है।

    सरकार में काम किया... मगर वेतन नहीं लिया

    पित्रोदा ने आगे कहा कि 1980 के दशक के मध्य में प्रधानमंत्री राजीव गांधी और 2004 से 2014 तक डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम करने के दौरान मैंने कभी कोई वेतन नहीं लिया। पित्रोदा ने आगे कहा कि मैंने अपने 83 साल के जीवन में भारत में या किसी अन्य देश में कभी रिश्वत न दी है और न स्वीकार की है। यह पूर्ण और अकाट्य सत्य है।

    ईडी और लोकायुक्त से शिकायत

    भाजपा नेता एनआर रमेश ने आरोप लगाया था कि सैम पित्रोदा ने वन विभाग के अधिकारियों समेत 5 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की मदद से बेंगलुरु के येलहंका में 12.35 एकड़ सरकारी जमीन अवैध रूप से हासिल की। इस जमीन की कीमत 150 करोड़ रुपये है। रमेश बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के पूर्व पार्षद हैं। उन्होंने पित्रौदा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) और कर्नाटक लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई है।

    आरोप- औषधीय पौधों के संरक्षण के नाम पर मिली जमीन

    ईडी को दी शिकायत में भाजपा नेता रमेश ने कहा कि पित्रोदा ने 23 अक्टूबर 1993 को महाराष्ट्र के मुंबई में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के कार्यालय में फाउंडेशन फॉर रिवाइटलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (एफआरएलएचटी) नामक एक संगठन पंजीकृत कराया था। रमेश के मुताबिक पित्रोदा ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से औषधीय पौधों के संरक्षण और अनुसंधान के लिए एक आरक्षित वन क्षेत्र को पट्टे पर आवंटित करने का अनुरोध किया।

    10 साल के लिए बढ़ाया गया पट्टा

    रमेश का दावा है कि पित्रोदा के अनुरोध पर विभाग ने 1996 में बेंगलुरू में जराकबांडे कवल के 'बी' ब्लॉक में पांच हेक्टेयर (12.35 एकड़) आरक्षित वन भूमि पांच साल के पट्टे पर आवंटित की थी। रमेश ने दावा किया है कि एफआरएलएचटी को दिया गया प्रारंभिक 5 वर्षीय पट्टा 2001 में समाप्त हो गया था। इसके बाद कर्नाटक वन विभाग ने इसे अगले 10 वर्षों के लिए बढ़ा दिया।

    2011 में समाप्त हुआ पट्टा

    भाजपा नेता ने कहा कि पित्रोदा के एफआरएलएचटी को दिया गया पट्टा 2 दिसंबर 2011 को समाप्त हो चुका है। इसके बाद वन विभाग को यह बहुमूल्य सरकारी जमीन अपने कब्जे में लेनी चाहिए थी। मगर वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले 14 सालों में जमीन वापस लेने की कोई कोशिश नहीं की। भाजपा नेता ने ईडी से कथित जमीन हड़पने में शामिल लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की अपील की।

    यह भी पढ़ें: 'पाकिस्तान फेल देश... अंतरराष्ट्रीय दान पर टिका, किसी को उपदेश न दे', UN में भारत ने लताड़ा

    यह भी पढ़ें: IIT बाबा से लेकर मोनालि‍सा तक... क‍िसी को म‍िली फ‍िल्‍म तो कोई पहुंचा टीवी शो, महाकुंभ से फेमस हुए ये चेहरे