'मुझे राजनीतिक रूप से खत्म करने की चल रही साजिश', डीके शिवकुमार ने केंद्र सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( CBI ) ने केरल के जयहिंद कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड चैनल को आय से अधिक संपत्ति मामले में नोटिस जारी किया है। अपने खिलाफ सीबीआइ मामले पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उनका इरादा क्या हैं लेकिन इससे साफ दिख रहा है कि केंद्र सरकार हमें राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहती है। यह एक बड़ी साजिश हैं।

पीटीआई, बेंगलुरु। सीबीआइ ने केरल के जयहिंद कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड चैनल को आय से अधिक संपत्ति मामले में नोटिस जारी किया है। सीबीआइ ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिवकुमार द्वारा चैनल में किए गए निवेश का विवरण भी मांगा है। रविवार को सीबीआइ की बेंगलुरु इकाई ने नोटिस भेजा है।
चैनल के प्रबंध निदेशक बीएस शिजू को सभी दस्तावेजों के साथ 11 जनवरी को बेंगलुरु में केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है। अपने खिलाफ सीबीआइ मामले पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उनका इरादा क्या हैं, लेकिन इससे साफ दिख रहा है कि केंद्र सरकार हमें राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहती है। यह एक बड़ी साजिश हैं।
गिरफ्तार होने के लिए तैयार शिवकुमार
डिप्टी सीएम ने कहा कि अगर सीबीआइ उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है तो वह इसके लिए तैयार हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि मैं अभी मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। मुझे विश्वास है कि इस मामले में मुझे जरूर न्याय मिलेगा। सरकार ने मामला लोकायुक्त को सौंप दिया हैं लेकिन सीबीआइ नोटिस जारी कर रही है। उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे नहीं पता कि वो उन लोगों ने ऐसा क्यों करना शुरू कर दिया हैं।
सीबीआइ ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 91 के तहत नोटिस जारी किया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने जय¨हद चैनल से शिवकुमार और उनकी पत्नी उषा शिवकुमार के निवेश, उन्हें दिए गए लाभांश, शेयर लेनदेन, वित्तीय लेनदेन के साथ-साथ बैंक विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया।
शेयर लेनदेन का देना है ब्यौरा
नोटिस के अनुसार, कंपनी को शिवकुमार के होल्डिंग्स का विवरण, उनके खाता-बही, अनुबंध नोट और अन्य विवरणों के साथ सभी शेयर लेनदेन का ब्यौरा देना होगा। गौरतलब है कि सीबीआइ ने 2020 में डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। केंद्रीय जांच एजेंसी का आरोप है कि 2013 और 2018 के बीच, उन्होंने कुल 74 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की। जो कथित तौर पर उनकी आय से अधिक है।
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