10 में से 7 शहरी भारतीय महीने में 3 से ज्यादा बार करते हैं मुंह मीठा, मिठाइयों से जुड़े मजेदार फैक्ट्स जानते हैं आप?
एक सर्वेक्षण के अनुसार, शहरी भारतीय उपभोक्ता चीनी युक्त खाद्य पदार्थों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। 74% शहरी आबादी महीने में तीन या उससे अधिक बार पारंपरिक भारतीय मिठाइयों का सेवन करती है, जो पिछले वर्ष 51% था। बेकरी और पैकेज्ड उत्पादों की खपत में भी 40% की वृद्धि हुई है।
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दीवाली पर मिठाइयों से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शहरी भारतीय उपभोक्ता चीनी युक्त खाद्य पदार्थों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। आनलाइन सर्वे फर्म लोकल सर्कल्स के एक सर्वेक्षण के अनुसार 74 प्रतिशत शहरी आबादी महीने में तीन या उससे ज्यादा बार पारंपरिक भारतीय मिठाइयों का सेवन करती है।
पिछले वर्ष यह आंकड़ा 51 प्रतिशत था। लोगों में चीनी की खपत के पैटर्न को जानने के लिए किए गए इस सर्वेक्षण में 303 जिलों के उपभोक्ताओं से प्रतिक्रियाएं ली गई।
क्या कहते हैं आंकड़े?
- महीने में तीन से ज्यादा बार बेकरी व पैकेज्ड उत्पादों का उपभोग करने वालों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
- 26 प्रतिशत लोग महीने में 15 -30 बार करते हैं मिठाईयों का सेवन।
- 22 प्रतिशत लोग 3-7 बार करते हैं मुंह मीठा। वहीं, 5 प्रतिशत लोग बिल्कुल मिठाई नहीं खाते।
कम चीनी वाले विकल्पों की तलाश
सर्वेक्षण में 70 प्रतिशत शहरी उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि गुणवत्तापूर्ण पारंपारिक मिठाइया या पैकेज्ड खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जाए, तो वे कम चीनी वाले विकल्पों को अपनाने के लिए तैयार हैं। जैसे खाद्य उपभोग से संबंधित स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ रही है, कुछ लोगों में चीनी के सेवन को लेकर चिंता भी बढ़ रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत, जो दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादकों में से एक है, में चीनी की खपत लगातार बढ़ रही है, फिर भी स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों के बारे में जागरूकता कम है।
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