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    दहेज में नहीं मिली ऐतिहासिक रोल्स रॉयस कार तो दिया तलाक, सुप्रीम कोर्ट ने भंग कराई शादी

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 10:55 PM (IST)

    दहेज में विंटेज रोल्स रॉयस कार की मांग पूरी न होने पर पति-पत्नी के बीच तलाक हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने तलाक को मंजूरी दे दी है। 1951 की यह विंटेज रोल्स रॉयस कार दुनिया में इकलौती बताई जाती है। प्रधानमंत्री नेहरू ने इसे बड़ौदा की महारानी के लिए बनवाया था। अदालत ने पति को पत्नी को सवा दो करोड़ रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।

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    सुप्रीम कोर्ट ने भंग कर दी पति पत्नी की शादी।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दहेज में ऐतिहासिक रोल्स रॉयस कार न मिलने पर पति-पत्नी के संबंधों में दरार पैदा हो गई और बात तलाक तक जा पहुंची। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों के बीच तलाक को मंजूरी दे दी। इस पूरी कहानी में दिलचस्प बिंदु 1951 में बनी विंटेज रोल्स रॉयस कार है।

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    बताया जाता है कि पूरी दुनिया में ये अपने तरह की इकलौती कार है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने बड़ौदा की तत्कालीन महारानी चिमना बाई साहिब गायकवाड़ के कहने पर ये कार बनवाई और मंगवाई थी। इस कार को एचजे मुलिनर एंड कंपनी ने हाथों से तैयार कराया था। इस कार की मौजूदा कीमत ढाई करोड़ रुपये आंकी गई है। मौजूदा वक्त में कार का मालिकाना हक पीड़िता के पिता के पास है।

    अदालत ने क्या सुनाया फैसला?

    मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति सूर्य कांत, जोयमाला बागची और विपुल एम पंचोली की पीठ ने कहा कि पति को अपनी पत्नी को सवा दो करोड़ रुपये बतौर गुजारा भत्ता देना होगा। पहली किस्त में एक करोड़ रुपये के साथ पत्नी पक्ष से प्राप्त किए सभी तरह के उपहार लौटाने होंगे। इसके बाद 30 नवंबर तक सवा करोड़ की दूसरी और अंतिम किस्त देनी होगी।

    पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच शादी भंग की जाती है और निर्देश दिया कि दोनों ही एक दूसरे पर इंटरनेट मीडिया या किसी अन्य तरह से कीचड़ नहीं उछालेंगे। पीड़िता ने दावा किया था कि उसके पति ने दहेज में विंटेज रोल्स रॉयस कार के साथ ही मुंबई में फ्लैट की मांग की थी।

    पति ने क्या लगाया आरोप?

    हालांकि, पति ने इस आरोप से इनकार किया है। पति की तरफ से पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाया गया था। पति का कहना था कि महिला ने विवाह प्रमाणपत्र तैयार कराने में फर्जीवाड़ा किया था।

    कौन हैं ये हाई प्रोफाइल दंपति

    महिला ग्वालियर से ताल्लुक रखती है और उसका दावा है कि उसके पूर्वज छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना में एडमिरल थे और कोंकण इलाके के राजा घोषित किए गए थे। वहीं उसका पति सैन्य अधिकारियों के परिवार से जुड़ा है और मध्य प्रदेश में शैक्षिक संस्थान का संचालन करता है।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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