AFSPA In Nagaland And Arunachal: केंद्र सरकार ने नागालैंड और अरुणाचल में AFSPA को 6 महीनों के लिए बढ़ाया
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अफस्पा को नागालैंड और अरुणाचल के 12 जिलों और दोनों राज्यों के पांच अन्य जिलों के कुछ हिस्सों में 6 महीने के लिए बढ़ाया है। AFSPA सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व वारंट के अभियान चलाने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि अफस्पा (AFSPA) को नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के 12 जिलों और दोनों राज्यों के पांच अन्य जिलों के कुछ हिस्सों में 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
AFSPA देता है सुरक्षा बलों को ये अधिकार
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (Armed Forces (Special Powers) Act) सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व वारंट के अभियान चलाने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, अफस्पा को 1 अक्टूबर से 9 जिलों - दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक, पेरेन और जुन्हेबोटो - और चार में 16 पुलिस स्टेशनों में छह महीने के लिए बढ़ाया जाएगा। नागालैंड के अन्य जिले - कोहिमा, मोकोकचुंग, लोंगलेंग और वोखा में भी बढ़ा दिया गया है।
6 महीने के लिए बढ़ाया गया AFSPA
केंद्र ने अरुणाचल प्रदेश (एपी) में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिले और एपी के नामसाई जिले में नामसाई और महादेवपुर पीएस के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 को आज से 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है क्योंकि उन्हें अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है।
नगालैंड के 16 पुलिस स्टेशन हैं शामिल
केंद्र ने सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम, 1958 को नौ जिलों में और नागालैंड के चार जिलों के 16 पुलिस स्टेशनों को 'अशांत क्षेत्र' के रूप में आज से छह महीने की अवधि के लिए बढ़ा दिया है। नागालैंड में जहां कुल 16 जिले हैं, वहीं अरुणाचल प्रदेश में 26 जिले हैं।
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2015 में त्रिपुरा में, 2018 में मेघालय में और 1980 के दशक में मिजोरम में AFSPA को पूरी तरह से वापस ले लिया गया था। मणिपुर और असम में भी "अशांत क्षेत्र" को आंशिक रूप से वापस ले लिया गया था।