Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'संसद में व्यवधान से सत्ता पक्ष से ज्यादा विपक्ष को नुकसान', किरेन रिजिजू इस बात को लेकर भी जताई चिंता

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 27 Jul 2025 07:19 AM (IST)

    संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने शनिवार को कहा कि संसद में बार-बार व्यवधान से विपक्ष को सत्ता पक्ष से ज्यादा नुकसान होता है क्योंकि इससे वह सरकार को जवाबदेह ठहराने का महत्वपूर्ण अवसर खो देता है। उन्होंने कहा-मैं आपको बता दूं कि जब संसद नहीं चलती है तो अधिकारी राहत महसूस करते हैं क्योंकि वे पूछताछ से बच जाते हैं।

    Hero Image
    संसद में व्यवधान से सत्ता पक्ष से ज्यादा विपक्ष को नुकसान- किरेन रिजीजू (फाइल फोटो)

     पीटीआई, नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने शनिवार को कहा कि संसद में बार-बार व्यवधान से विपक्ष को सत्ता पक्ष से ज्यादा नुकसान होता है, क्योंकि इससे वह सरकार को जवाबदेह ठहराने का महत्वपूर्ण अवसर खो देता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मानसून सत्र का पहला सप्ताह विरोध में धुला

    रिजीजू की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब मानसून सत्र का पहला सप्ताह विपक्षी सांसदों के बार-बार विरोध प्रदर्शनों के कारण काफी हद तक धुल चुका है। प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन द्वारा आयोजित संसद रत्न पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए रिजिजू ने बताया कि कैसे नौकरशाह कभी-कभी संसद स्थगित होने पर राहत महसूस करते हैं।

    सरकार से ज्यादा विपक्ष को नुकसान होता है

    उन्होंने कहा-मैं आपको बता दूं कि जब संसद नहीं चलती है तो अधिकारी राहत महसूस करते हैं, क्योंकि वे पूछताछ से बच जाते हैं। संसद में सरकार को जवाबदेह ठहराया जा सकता है। जब सदन चलता है, तो मंत्रियों को कठिन सवालों का सामना करना पड़ता है। जब सदन कुछ ही मिनटों में स्थगित हो जाता है, तो ऐसे सवाल भी नहीं उठते। संसद में व्यवधान होने पर सरकार से ज्यादा विपक्ष को नुकसान होता है।

     रिजीजू ने एक दिलचस्प किस्सा सुनाया

    अपनी संसदीय यात्रा का जिक्र करते हुए रिजीजू ने कहा कि उन्होंने कभी विपक्षी सांसदों को विरोधी नहीं माना। उन्होंने कहा, हम सभी सहयोगी हैं। 2014 से पहले मेरा ज्यादातर संसदीय जीवन विपक्षी बेंचों पर बीता है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता हो सकती है, लेकिन कोई दुश्मनी नहीं है। अपने शुरुआती अनुभवों को याद करते हुए रिजीजू ने एक दिलचस्प किस्सा सुनाया।

    उन्होंने कहा, जब मैं पहली बार लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से मिला, तो मैं धूम्रपान करने वाले सांसदों के लिए एक कमरा मांगने गया था। उन्होंने मुझे डांटते हुए कहा कि यह स्पीकर के साथ आपकी पहली मुलाकात है और आप इस काम के लिए आए हैं? उस दिन मुझे अच्छी डांट पड़ी और मैंने सीखा कि मुझे ऐसे पद पर बैठे व्यक्तियों से उद्देश्यपूर्ण तरीके से संपर्क करना चाहिए। -

    16 सांसदों को संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया

    16 सांसदों को लोकसभा में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन सम्मानों में चार विशेष जूरी पुरस्कार भी शामिल हैं, जो संसद में उनके लगातार तीन कार्यकालों के योगदान को मान्यता देते हैं।

    ये विशेष पुरस्कार भर्तृहरि महताब (भाजपा), एनके प्रेमचंद्रन (क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी), सुप्रिया सुले (राकांपा-शरद पवार) और श्रीरंग अप्पा बारणे (शिवसेना) को प्रदान किए गए। अन्य पुरस्कार विजेता सांसदों में स्मिता उदय वाघ (भाजपा), नरेश म्हस्के (शिवसेना), वर्षा गायकवाड़ (कांग्रेस), मेधा कुलकर्णी (भाजपा), प्रवीण पटेल (भाजपा), रवि किशन (भाजपा), निशिकांत दुबे (भाजपा), अर¨वद सावंत (शिवसेना-यूबीटी), विद्युत बरन महतो (भाजपा) और दिलीप सैकिया (भाजपा) शामिल हैं।

    भर्तृहरि महताब को भी मिला सम्मान

    समिति श्रेणी में भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति और चरणजीत सिंह चन्नी (कांग्रेस) की अध्यक्षता वाली कृषि संबंधी स्थायी समिति को उनकी रिपोर्टों की गुणवत्ता और विधायी निगरानी में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

    यह भी पढ़ें- लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर चर्चा को लेकर सरकार तैयार, विपक्षी इंडी गठबंधन के नेता भी बनाएंगे रणनीति