LAC पर दो जगहों से पीछे हटी भारत-चीन की सेना, पढ़ें पैट्रोलिंग पर कब निकलेंगे जवान
पूर्वी लद्दाख सेक्टर के देपसांग और डेमचोक इलाकों में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। भारत और चीन की सेनाएं एक-दूसरे की तरफ से वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों के पोस्ट खाली करने और बुनियादी ढांचे को हटाने के लिए वेरिफिकेशन कर रही हैं। रक्षा सूत्र ने इसकी जानकारी दी है। सेना के सूत्रों ने बताया है दोनों सेनाएं अब जल्द ही क्षेत्रों में गश्त शुरू करेंगी।
एएनआई, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख सेक्टर के देपसांग और डेमचोक इलाकों में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। भारत और चीन की सेनाएं एक-दूसरे की तरफ से वहां जगह खाली करने और बुनियादी ढांचे को हटाने के लिए वेरिफिकेशन कर रही हैं। रक्षा सूत्र ने इसकी जानकारी दी है।
बता दें कि देपसांग और डेमचोक में भारतीय और चीनी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी होने की उम्मीद है। सेना के सूत्रों ने बताया है, दोनों सेनाएं अब उन क्षेत्रों में गश्त शुरू करेंगी, जहां वे अप्रैल 2020 में गतिरोध शुरू होने के बाद नहीं पहुंच पाए थे।
चीन के साथ भारत ने बनाई सहमति
भारत ने 21 अक्टूबर, 2024 को एलान किया था कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पैट्रोलिंग को लेकर चार साल से अधिक समय से बने सैन्य गतिरोध को समाप्त करने के लिए चीन के साथ एक समझौते पर सहमति बनी है।
इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर का भी बयान सामने आया था, उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच विश्वास बनाने में समय लगेगा, लेकिन सैनिकों की वापसी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सैन्य वापसी पहला कदम है, और तनाव को कम करना अगला कदम है।
ग्राउंड कमांडरों की बैठकें रोजाना होंगी
दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारत और चीन 29 अक्टूबर तक वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार सैन्य वापसी की प्रक्रिया पूरी कर लेंगे।
सूत्रों ने कहा, "नियमित ग्राउंड कमांडरों की बैठकें होती रहेंगी। गश्त में शामिल सैनिकों की ताकत की पहचान की गई है और किसी भी गलत संचार से बचने के लिए जब हम गश्त करने जा रहे हैं तो एक-दूसरे को सूचित करें। शेड या तंबू, सैनिकों जैसे सभी अस्थायी बुनियादी ढांचे को हटा दिया जाएगा। दोनों पक्ष इस क्षेत्र पर निगरानी रखेंगे। देपसांग और डेमचोक में गश्त बिंदु वे बिंदु होंगे जहां हम अप्रैल 2020 से पहले पारंपरिक रूप से गश्त कर रहे थे।''
यह भी पढ़ें: चीन को भारत पर भरोसा या कमजोर होती अर्थव्यवस्था, क्या है LAC विवाद पर समझौता के पीछे की सच्चाई?