Move to Jagran APP

Chandrayaan 2 के इस खोज से पूरे विश्व में कभी नहीं होगा अंधेरा, जानें- क्या है मिशन की खासियत

Chandrayaan 2 चंद्रमा की ऐसी सतह पर लैंड कर रहा है जहां अभी तक चांद की कोई भी जानकारी नहीं जुटाई गई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 12:59 AM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 01:42 AM (IST)
Chandrayaan 2 के इस खोज से पूरे विश्व में कभी नहीं होगा अंधेरा, जानें- क्या है मिशन की खासियत
Chandrayaan 2 के इस खोज से पूरे विश्व में कभी नहीं होगा अंधेरा, जानें- क्या है मिशन की खासियत

नई दिल्ली, जेएनएन। कुछ ही क्षणों में Chandrayaan 2 चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा। चंद्रयान 2 के लैंड होते ही भारत को एक बड़ी सफलता हासिल हो जाएगी। यह सफलता भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए काफी अहम है। चंद्रयान 1 ने पता लगाया था कि चंद्रमा पर पानी है। चंद्रयान 2 यह पता लगाने की कोशिश करेगा की यह पानी कितना और कैसा है। इसके साथ ही ISRO का यह चंद्रयान 2 चंद्रमा में हीलियम-3 की उपलब्धता की जानकारी जुटाएगा।

loksabha election banner

धरती पर हीलियम-3 की मात्रा बहुत कम है। नासा के मुताबिक, चंद्रमा पर हीलियम-3 अधिक मात्रा में पाया जाता है। ISRO का चंद्रयान 2 हीलियम को लेकर विशेष जानकारी जुटाएगा। हीलियम-3 को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि भविष्य में हम चंद्रमा पर मौजूद हीलियम-3 को धरती पर लानें में सफल हो गए तो पूरे विश्व में ऊर्जा की कमी कभी नहीं होगी। हीलियम-3 का इस्तेमाल पृथ्वी पर बनाए जा रहे फ्यूजन प्लांटों में कर अत्यधिक ऊर्जा पैदा करने में किया जा सकता है। 

चांद पर रह सकेंगे इंसान
चंद्रयान 2 चंद्रमा की ऐसी सतह पर लैंड कर रहा है, जहां अभी तक चांद की कोई भी जानकारी नहीं जुटाई गई है। इसलिए ये ISRO का ये मिशन और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। चंद्रयान 2 के प्रज्ञान रोवर के सेंसर चांद के दक्षिणी ध्रुव के विशाल ज्वालामुखीय गड्ढों से पानी के सबूत तलाश पातें हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि आगे चल कर चंद्रमा पर इंसान के रहने वाले स्पेस स्टेशन बनाए जा सकेंगे।

इसे भी पढ़ें: Chandrayaan 2 Landing Live Streaming Online: यहां देखें चंद्रयान 2 की लैंडिंग का live नजारा

क्या है हीलियम-3
हीलियम-3 हीलियम का गैर रेडियोधर्मी आइसोटोप है जो चांद पर सौर तूफान की वजह से बहुतायत में उपलब्ध है। पृथ्वी का चुम्बकीय असर ऐसा होता है कि सौर तूफान से पैदा हीलियम को अपनी सतह पर सोख नहीं सकती है। चांद की सतह से हीलियम-3 का खनन करने के लिए चांद की मिट्टी को 600 डिग्री सेंटीग्रेड तक गर्म करना होगा।  

इसे भी पढ़ें: चांद पर लैंडिंग से पहले ऑर्बिटर ने विक्रम और प्रज्ञान को कहा अलविदा, कुछ इस अंदाज में हुई बातचीत...

इसे भी पढ़ें: माइक्रो आर्टिस्ट ने नाखून पर बनाया chandrayaan-2 के उतरने की शानदार पेंटिंग, आप भी देखें...


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.