नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Chandrayaan 2 Landing Live Streaming Online: चंद्रयान को लेकर देश में ही नहीं पूरी दुनिया में चर्चा और तेज हो गई है। अब पूरी दुनिया की नजरें चंद्रयान 2 की आज देर रात होने वाली लैंडिंग पर टिकी हैं। यह मिशन सिर्फ भारत के लिए ही खास नहीं है बल्कि पूरी दुनिया के लिए बेहद अहम होने वाला है। अहम इसलिए क्योंकि पहली बार भारत के इस मिशन के साथ दुनिया चांद के उस हिस्से की झलक देखेगी जो आज तक दुनिया के सामने ही नहीं आया।
जानें कहां और कब उतरेगा चंद्रयान2
6-7 सितंबर की रात 1:30 से 2:30 बजे के बीच चंद्रयान-2 से अलग होकर विक्रम चांद की सतह पर लैंड करेगा। इसके बाद सुबह करीब 5:30 से 6:30 बजे के बीच रोवर विक्रम से बाहर निकलेगा और यहां से एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। सुबह 8 से 9 बजे के बीच इसरो के अध्यक्ष प्रेस को संबोधित करेंगे।
आपको यहां पर ये भी बता देते हैं कि चंद्रयान 2 चांद के दो क्रेटर्स मजिनस सी (Maginus C) और सिमपेलियस एन (Simpelius N) के बीच वाले मैदान में लगभग 70 डिग्री दक्षिणी अक्षांश पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की कोशिश करेगा। आपको यहां पर ये भी बता दें कि चांद पर करीब 30 से अधिक बड़े क्रेटर्स मौजूद हैं।
यहां पर दिखेगा लाइव
चंद्रयान 2 भले ही देर रात चंद्रमा की सतह पर उतरेगा, लेकिन इसको लेकर लोगों में बड़ी उत्सुकता है। दुनिया भर के लोग इस नजारे को देखने के लिए उत्सुक हैं। इसके लिए लगातार वह सर्च कर रहे हैं। मुमकिन है कि आप भी इन्हीं मे से एक हों। लिहाजा हम आपकी जानकारी के लिए यह बता देते हैं कि चंद्रयान 2 की लैंडिंग का लाइव नजारा आप www.isro.gov.in या https://www.youtube.com/user/pibindia/featured पर ले सकेंगे। आपको यहां पर ये भी बता दें कि पीएम मोदी समेत देश के 70 भाग्यशाली बच्चे भी इस पल का गवाह बनेंगे।इसके अलावा नेशनल जियोग्राफिक चंद्रयान 2 की लैंडिंग को ब्रॉडकास्ट करने वाला है। इसका मतलब अब यह ऐतिहासिक पल आप आपने घर बैठे देख पाएंगे। 6 सितम्बर को 1:30am-2:30am के बीच चंद्रयान 2 चांद पर लैंड करेगा। टीवी चैनल इस एक्सक्लूसिव लाइव शो में NASA के खगोलयात्री को लेकर आएंगे, जो अपने अनुभव इस शो में साझा करेंगे। यह शो नेशनल जियोग्राफिक और Hotstar पर 6 सितम्बर 2019 को 11:30PM लाइव ब्रॉडकास्ट किया जाएगा। यह Hotstar पर देखने के लिए उपलब्ध रहेगा।
इसलिए खास है साउथ पोल
चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव विशेषरूप से दिलचस्प है क्योंकि इसकी सतह का बड़ा हिस्सा उत्तरी ध्रुव की तुलना में अधिक छाया में रहता है। स्थायी रूप से छाया में रहने वाले इन क्षेत्रों में पानी होने की संभावना है। चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के ठंडे क्रेटर्स में प्रारंभिक सौर प्रणाली के लुप्त जीवाश्म रिकॉर्ड मौजूद है।
मिशन से खुल सकेंगे ये राज
आप सभी जानते हैं कि चंद्रमा पृथ्वी का नजदीकी उपग्रह है। इसके माध्यम से अंतरिक्ष में खोज के प्रयास किए जा सकते हैं और इससे संबंधित आंकड़े भी एकत्र किए जा सकते हैं। भारत का यह मून मिशन सुदूर अंतरिक्ष में मिशन के लिए जरूरी तकनीक में भी कारगर साबित हो सकता है। चंद्रयान 2 के जरिए अंतरिक्ष और चांद से जुड़े कई राज खुलने में मदद मिल सकेगी। इसके अलावा यह मिशन अंतरिक्ष के प्रति हमारी समझ बढ़ाने, प्रौद्योगिकी की प्रगति को बढ़ावा देने, वैश्विक तालमेल को आगे बढ़ाने और खोजकर्ताओं तथा वैज्ञानिकों की भावी पीढ़ी को प्रेरित करने में भी सहायक साबित होगा।
मिल सकेंगी कई अहम और जानकारियां
यह मिशन दुनिया को पृथ्वी के क्रमिक विकास और सौर मंडल के पर्यावरण की कई ऐसी जानकारियां दे सकता है जो आज से पहले कभी हमें नहीं मिल सकी। इस मिशन से चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकेंगी। चंद्रमा की सतह की संरचना में बदलाव का अध्ययन करने में भी इस मिशन के माध्यम से मदद मिल सकेगी। आपको बता दें कि चंद्रयान 1 ने चांद पर पानी होने के सबूत तलाशे थे, जिसको दुनिया ने बड़ी खोज बताया था। अब चंद्रयान 2 से भी पूरी दुनिया को ऐसी ही उम्मीद है। इस मिशन के जरिए पता लगाया जा सकेगा कि चांद की सतह और उपसतह के कितने भाग में पानी है।
चंद्रयान ने भेजी हैं अब तक ये तस्वीरें
23 अगस्त 2019 को चांद से करीब 4375 किमी की दूरी से चंद्रयान 2 ने चांद की दो तस्वीरें ली थीं। इन तस्वीरों में चांद के तीन क्रेटर्स नजर आ रहे हैं।
21 अगस्त 2019 को शाम को भारतीय समयानुसार 7:03 मिनट पर चंद्रयान 2 में लगे LI4 कैमरे से चांद की यह तस्वीर ली गई। यह तस्वीर चांद से करीब 2650 किमी की दूरी से ली गई थी।
5 अगस्त 2019 को चांद ने खींची थी धरती की कुछ तस्वीरें
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