Digital technology से सुनिश्चित होगी 'हर घर नल से जल' की सप्लाई, जल्द राष्ट्रीय स्तर पर होगा लागू
पानी की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए देशभर में कुल 2000 से अधिक प्रयोगशालाओं का नेशनल ग्रिड स्थापित किया जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में होने वा ...और पढ़ें

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। 'हर घर नल से जल' की समुचित आपूर्ति में डिजिटल तकनीक की भूमिका बढ़ेगी। इससे देश के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी घरों में गुणवत्ता, निरंतरता और निश्चितता के साथ जलापूर्ति में मदद मिलेगी। हर घर तक शुद्ध व निर्धारित मात्रा में सप्लाई हो सकेगी। इस बाबत सालभर पहले देश के एक सौ से अधिक जगहों पर शुरु किए गए पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा। जल जीवन मिशन को तकनीकी सहयोग देने में केंद्र के कई विभाग मदद करेंगे। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र ¨सह शेखावत ने बताया कि जल्दी ही डिजिटल तकनीक के सहयोग से हम रियल टाइम सेंसर आधारित जलापूर्ति कर सकेंगे। सप्लाई होने वाले जल की क्वालिटी, रेगुलरिटी और कांटिन्यूटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सेंसर तकनीक के महंगे आयात की जगह हमने घरेलू स्टार्टअप के समक्ष यह चुनौती रखी, जिसका परिणाम उत्साहजनक रहा।

कुल 200 से अधिक स्टार्टअप सामने आए, जिसमें से चार को चयनित कर दायित्व सौंपा गया। उनकी सेंसर तकनीक का पायलट प्रोजेक्ट देश के 118 जगहों पर शुरु किया गया है, जिसके नतीजे चौंकाने वाले आ रहे हैं। पानी गुणवत्ता के साथ मात्रा समेत सभी जानकारी सेंसर से प्राप्त हो रही है। जल जीवन मिशन के लिए यह तकनीक अहम साबित होने वाली है। इससे जलजीवन मिशन में पारदर्शिता बढ़ेगी और निगरानी प्रणाली मजबूत होगी। पानी की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए देशभर में कुल 2000 से अधिक प्रयोगशालाओं का नेशनल ग्रिड स्थापित किया जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाली पानी की जांच रिपोर्ट का ब्यौरा इस ग्रिड पर उपलब्ध रहेगा।

शेखावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के हर घर तक नल से सप्लाई लाइन को मजबूत बनाने के लिए इसे जनांदोलन का रूप देना होगा। जल जीवन मिशन (ग्रामीण) की शुरुआत अगस्त 2019 में की गई, जिसके तहत देश के सभी छह लाख गांवों और ढाई लाख ग्राम पंचायतों के हर घर में नल से जल की आपूर्ति वर्ष 2024 तक सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। 19 दिसंबर 2022 तक ग्रामीण क्षेत्र के कुल 19.36 घरों में से 10.75 घरों में नल से जल की आपूर्ति शुरु हो चुकी है। डिजिटल तकनीक को समाहित करने में मिशन के साथ इन्वेस्ट इंडिया भी जुड़ गया है।

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