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    'DGCA से हूं.. ये रहा ED का गिरफ्तारी वारंट', 10 दिन तक 24 घंटे व्हाट्सएप कॉल पर रहा, ठग लिए ₹1.27 करोड़

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 08:20 PM (IST)

    डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आसनसोल में एक व्यक्ति को मुंबई पुलिस और सीबीआई बताकर साइबर अपराधियों ने 1 करोड़ 27 लाख रुपये से अधिक की ठगी की। पीड़ित तपन कुमार माजी ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इससे पहले भी आसनसोल में एक सहायक अभियंता डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए थे।

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    10 दिन तक 24 घंटे व्हाट्सएप कॉल पर रहा (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी के प्रति बार-बार जागरूकता के बावजूद लोग सतर्क नहीं हो रहे हैं और साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। हीरापुर थानांतर्गत आसनसोल के रवींद्र नगर स्थित डाली लाज इलाके में एक व्यक्ति से एक करोड़ 27 लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है।

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    पीड़ित तपन कुमार माजी ने आरोप लगाया है कि साइबर अपराधियों ने उन्हें डिजिटल तरीके से गिरफ्तार कर मुंबई पुलिस और सीबीआइ बताकर एक करोड़ 27 लाख 4,332 रुपये की ठगी की है।

    शिकायत कराई दर्ज

    उन्होंने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद आसनसोल साइबर थाना ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इससे पहले जून माह में आसनसोल नगर निगम के पूर्व सहायक अभियंता सुकुमार दे को साइबर अपराधियों ने 32 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके 1.65 करोड़ रुपये लूट लिए थे।

    आधार नंबर का उपयोग कर मुंबई में खोला खाता

    तपन कुमार माजी के अनुसार चार अगस्त को सुबह लगभग साढ़े दस बजे एक नंबर से राहुल राय डीजीसीए कहते हुए फोन आया। फोन पर बताया गया कि मुंबई में उनके आधार नंबर का उपयोग करके केनरा बैंक में एक खाता खोला गया है। इसमें दो करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।

    उन्हें बताया गया कि यह सिम कार्ड व रुपये अवैध गतिविधियों और मनी लांड्रिंग में शामिल है। इसके बाद एक अज्ञात मोबाइल नंबर से वाट्सएप काल आया। इसमें कहा गया कि वे मुंबई पुलिस से हैं। उन्होंने अपनी मुंबई पुलिस आइडी दिखाई और पुलिस की वर्दी पहने हुए थे।

    उसने कहा आतंकवाद की फंडिंग के लिए भी रुपये का उपयोग किया जा रहा है। इसके बाद उसने धोखाधड़ी वाले बैंक खाते का स्टेटमेंट और डेबिट कार्ड की तस्वीर भेजी। यह भी कहा कि उन्हें मनी लांड्रिंग के मामले में डिजिटल रूप से गिरफ्तार किया गया है।

    ईडी का गिरफ्तारी वारंट भेजा

    डिजिटल अरेस्ट करने वाले ने प्रवर्तन निदेशालय से गिरफ्तारी वारंट, भारतीय रिजर्व बैंक और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के कुछ दस्तावेज भी भेजे। फिर वीडियो काल पर पुलिस वर्दी पहने एक व्यक्ति को दिखाकर डराया।

    उस व्यक्ति ने चार अगस्त से 13 अगस्त तक डिजिटल अरेस्ट कर 24 घंटे वाट्सएप वीडियो काल के जरिए लगातार नजर रखकर डराया और कुल 1,27,04,332 रुपये 13 किश्तों में ले लिया। ठगी का अहसास होने पर साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।

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