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    राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ऑनलाइन गेमिंग बिल बना कानून, उल्लंघन पर होगी इतने साल की जेल; जानिए प्रावधान

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 07:38 PM (IST)

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन और रेग्युलेशन) बिल 2025 को मंजूरी दी है जिसका उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देना और पैसे वाले गेम्स पर रोक लगाना है। इस कानून के तहत ई-स्पोर्ट्स को खेल के रूप में मान्यता मिलेगी और सरकार नशे की लत और आर्थिक नुकसान जैसे खतरों को रोकने की कोशिश करेगी।

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    राष्ट्रपति मुर्मू ने ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को दी मंजूरी (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को 'ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन और रेग्युलेश) बिल 2025' को मंजूरी दे दी है। यह बिल संसद के दोनों सदनों से इस हफ्ते ही पास हुआ था। इस कानून का मकसद ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देना है, लेकिन ऑनलाइन पैसे वाले गेम्स पर पूरी तरह से रोक लगाना है।

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    सरकार का कहना है कि इस कदम से नशे की लत, आर्थिक नुकसान और आत्महत्या जैसे खतरों को रोका जा सकेगा। साथ ही, ई-स्पोर्ट्स को अब कानूनी मान्यता मिलेगी और युवाओं के लिए खेल का नया क्षेत्र खुलेगा।

    बिल के तहत क्या-क्या होंगे बदलाव?

    • अब ई-स्पोर्ट्स को खेल के तौर पर मान्यता मिलेगी। युवा मामलों और खेल मंत्रालय इसके लिए अलग फ्रेमवर्क तैयार करेगा।
    • सोशल गेम्स को भी बढ़ावा दिया जाएगा ताकि खिलाड़ी सुरक्षित और जिम्मेदारी से खेल सके।
    • पहले ई-स्पोर्ट्स को कोई कानूनी मान्यता नहीं मिली थी, लेकिन अब खिलाड़ियों को बेहतर अवसर मिलेंगे।

    मनी गेम्स पर सरकार की सख्ती

    इस कानून के तहत पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स को चलाना, उसका विज्ञापन करना या उनसे जुड़ा लेन-देन करना अपराध होगा। हालांकि, खिलाड़ियों पर कोई सजा नहीं होगी। लेकिन ऐसे गेम चलाने वाले, विज्ञापन देने वाले और आर्थिक मदद करने वालों को जेल और जुर्माना झेलना पड़ सकता है।

    क्या-क्या हो सकती है सजा?

    • ऐसे गेम चलाने वालों को 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
    • विज्ञापन देने वालों को 2 साल तक कीजेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
    • पैसे से जुड़े लेन-देन पर 3 साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
    • बार-बार अपराध करने वालों पर 5 साल तक की जेल और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगेगा।

    'समाज को रखना है सुरक्षित'

    सरकार ने अधिकारियों को यह भी अधिकार दिया है कि वे ऑनलाइन या ऑफलाइन संपत्ति जब्त कर सकें और जरूरत पड़ने पर बिना वारंट गिरफ्तारी भी कर सके। सूत्रों के मुताबिक, इस कानून से सरकर को सलाना 15 हजार से 20 हजार करोड़ रुपये तक GST का नुकसान हो सकता है। लेकिन, आईटी मंत्रालय का कहना है कि राजस्व नुकसान से ज्यादा अहम समाज को सुरक्षित रखना है।

    क्या है पूरा मामला

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को आनलाइन गेमिंग के प्रचार और विनियमन विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी। शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है।

    हालांकि इससे जुड़ा कानून प्रभावी हो, इससे पहले ही प्रमुख आनलाइन गेमिंग कंपनियों ने देश में चलाए जा रहे अपने मनी गेमिंग के 'खेल' को समेट लिया है। सरकार ने विधेयक के पारित होते ही इसे बगैर देरी के तुरंत ही राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया था।

    नए कानून में ऐसी सेवाएं देनेवालों पर तीन साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान है। ऐसे प्लेटफार्म का विज्ञापन या प्रचार करने पर भी दो साल तक की सजा और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। कानून बनने के बाद सरकार का फोकस रियल मनी आनलाइन गेम पर रोक लगाने की रहेगी।

    आईटी सचिव एस. कृष्णन ने बताया कि कानून के अन्य नियमों को बनाने में अभी समय लगेगा, उससे पहले निषेधात्मक प्रक्रिया अमल में रहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि बाकी प्रविधानों के लिए नियम बनाने का काम शुरू हो चुका है। साथ ही, एक नियामक प्राधिकरण बनाने पर भी काम चल रहा है, जो आनलाइन गेमिंग क्षेत्र की देखरेख करेगा।

    धड़ाधड़ गिरने लगे ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के शटर

    कानून प्रभावी हो इससे पहले ही प्रमुख आनलाइन गेमिंग कंपनियों ने देश में चलाए जा रहे अपने मनी गेमिंग के 'खेल' को समेट लिया है। इनमें 25 करोड़ से अधिक यूजर्स वाली गेमिंग कंपनी विन्जो भी शामिल है। जिसने अधिकारिक बयान जारी कर 22 अगस्त से इसके दायरे में आने वाले अपनी सेवाओं को वापस लेने का ऐलान किया है।

    इसके साथ ही ड्रीम-11, रमी सर्किल जैसी प्रमुख आनलाइन गेमिंग कंपनियों ने भी नए कानून के दायरे में आ रहे वाले अपने गेम्स को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऑनलाइन गेमिंग बाजार में भारत की हिस्सेदारी व यूजर्स की संख्या को देखते हुए गेमिंग कंपनियों ने जल्द ही नए कानून के दायरे में रखकर नई शुरूआत करने के संकेत दिए है।

    जिसमें मनी गेमिंग के लिए कोई जगह नहीं होगी। नए कानून के तहत आनलाइन गे¨मग प्लेटफार्म पर ई-स्पो‌र्ट्स व सोशल गेम्स को नए स्वरूप में लाने पर काम शुरू कर दिया गया है। इनमें भारतीय पारंपरिक खेलों व मनोरंजन से जुड़े खेलों को जगह दी जा सकती है।

    नजारा टेक के शेयरों में 17 प्रतिशत की गिरावट आनलाइन गेमिंग पर रोक से जुड़े कानून के आने के बाद आनलाइन गे¨मग कंपनियों के शेयरों में भी भारी गिरावट देखी जा रही है। पोकरबाजी गेम संचालित करनेवाली मूनशाइन टेक्नोलाजी की सहयोगी नजारा टेक्नोलाजी के शेयरों में तीन कारोबारी दिनों में 17.52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

    शुक्रवार को कंपनी के शेयर 4.98 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1155.75 पर बंद हुए। वहीं डेल्टा कार्प के शेयर 3.50 प्रतिशत, जबकि आनमोबाइल ग्लोबल का शेयर 2.73 प्रतिशत गिरावट के साथ बंद हुए।

    रियल मनी गेम है क्या?

    ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग उन डिजिटल प्लेटफार्म को संदर्भित करता है जहां खिलाड़ी खेलों में भाग लेने के लिए भुगतान करते हैं और नकद पुरस्कार जीत सकते हैं। इनमें नकद दांव और मौद्रिक जीत वाले सभी आनलाइन गेम शामिल हैं।

    लीगल गेमिंग से जुड़ी कंपनियां उत्साहित

    देश में पहले ही ई-स्पो‌र्ट्स और ई-सोशल जैसे आनलाइन गेम और नियमों के तहत संचालित होने वाली कंपनियां इस कानून के बाद काफी उत्साहित भी दिख रही है। उन्हें उम्मीद है कि इससे उन्हें एक अच्छी ग्रोथ मिलेगी।

    ई-गेमिंग फेडरेशन के सीईओ अनुराग सक्सेना का मानना है कि एक पारदर्शी कानून आनलाइन गे¨मग को बढ़ावा देने में मदद करेगा। इससे इस क्षेत्र का संतुलित और सुरक्षित विकास होगा।

    (समाचार एजेंसी ANI के इनुपट के साथ)

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