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जानिए- रूस के जिस Bomber Tupolev Tu-160 पर आया भारत का दिल वो अमेरिका के B-52 से कितना है खास

रूस से भारत एक बमवर्षक विमान खरीद सकता है। भारत के पड़ोस में केवल चीन के पास ही बमवर्षक विमान है। ऐसे में भारत के लिए इसका होना बेहद खास हो सकता है। अमेरिका के बी-52 से ये काफी खास है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 01:16 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 01:16 PM (IST)
जानिए- रूस के जिस Bomber Tupolev Tu-160 पर आया भारत का दिल वो अमेरिका के B-52 से कितना है खास
रूस और अमेरिका के बमवर्षक विमान में है बड़ा अंतर

नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। भारत की रक्षा पंक्ति को लगातार मजबूत बनाने की कवायद के तहत अब भारत की निगाह रूस के शक्तिशाली Bomber Tupolev Tu-160 पर अटकी है। इससे पहले भारत ने रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्‍ट एस-400 हासिल की है। इससे भारत की सुरक्षा को मजबूती मिली है। अब Bomber Tupolev Tu-160 इस अध्‍याय में एक नया मील का पत्‍थर साबित हो सकता है। आइए बताते हैं कि ये अमेरिकी Bomber पर कैसे भारी है।

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  • आपको बता दें कि भारत के पास अब तक कोई भी बम वर्षक विमान नहीं है। आगे बढ़ने से पहले आपको यहां पर ये भी बता दें कि दुनिया के अधिकतर बड़े और विकसित देशों के पास बमवर्षक विमान मौजूद हैं। इसमें अमेरिका, रूस, जापान, अर्जेंटीना, स्‍वीडन, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूगोस्‍लाविया, चीन, पौलेंड, आस्‍ट्रेलिया, जर्मनी समेत कई दूसरे देशों का नाम शामिल है।
  • भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो केवल चीन के पास ही बमवर्षक विमान है। ऐसे में भारत के पास इसका न होना काफी चिंता का विषय है।
  • बता दें कि बमवर्षक विमान दरअसल, भारी भरकम बमों को सटीक जगह गिराने में इस्‍तेमाल आता है। किसी भी बमवर्षक विमान की सबसे बड़ी खूबी होती है उसकी स्‍पीड। विमान जितना तेज रफ्तार होगा उतना ही दुश्‍मन के राडार उसको कम देख सकेंगे और उसके बचने के चांस भी उतने ही अधिक होंगे।
  • भारत जिस Bomber Tupolev Tu-160 पर नजरें गड़ाए बैठा है वो अमेरिकी Boeing के Bomber B-52 से काफी अलग है। 
  • Bomber Tupolev Tu-160 की सबसे बड़ी खूबी है कि ये एक हाइपरसोनिक विमान है। वहीं अमेरिका का बी-52 बमवर्षक एक सबसोनिक विमान है। सबसोनिक का अर्थ है कि इसकी गति 1 मैक से भी कम ही है। वहीं रूस के बमवर्षक विमान की 2 मैक की गति इसको दुनिया का सबसे तेज बमवर्षक विमान बना देती है। इस लिहाज से अमेरिका का बी-52 रूस के Tupolev के सामने कहीं नहीं ठहरता है।
  • अमेरिका का बी-52 बमवर्षक विमान काफी पुराना 1952 का डिजाइन किया गया है। 2013 और 2015 में इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं जिसके बाद ये 2050 तक सर्विस में रह सकते हैं। वहीं रूस का Tupolev इसके मुकाबले कहीं नया 1981 का है।
  • रूस ने तब से लेकर अब तक इसमें न सिर्फ अमूलचूक बदलाव किए हैं बल्कि इसको दुनिया का सबसे घातक बमवर्षक विमान भी बना दिया है। इस लिहाज से भी ये अमेरिका के बमवर्षक पर भारी है।
  • रूस का Tupolev Tu-160 दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे Heaviest combat bomber है।
  • रूस ने इसके अब तक केवल 36 विमान ही बनाएं हैं, वहीं अमेरिका बी-52 के 744 विमान बना चुका है। संख्‍या में ये रूस के विमान पर जरूर भारी पड़ते हैं।
  • वर्ष 2000 में ही रूस ने अपने इस बमवर्षक विमान को पूरी तरह से अपग्रेड किया था। इसका अपग्रेड वर्जन इसी वर्ष कंपनी डिलीवर भी करने वाली है।
  • रूस इस विमान पर फादर आफ आल बम डिप्‍लोएड कर चुका है।
  • अमेरिका के बी-52 में जहां 8 इंजन हैं वहीं रूस के इस बमवर्षक विमान में 4 इंजन है।

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