क्या 'मदर ऑफ शैतान' ने किया लाल किले पर धमाका? फोरेंसिक जांच में TATP के इस्तेमाल की आशंका
दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके में 'मदर ऑफ शैतान' कहे जाने वाले TATP के इस्तेमाल का शक है। यह विस्फोटक इतना खतरनाक है कि गर्मी से भी फट सकता है। पहले भी आतंकी हमलों में इसका इस्तेमाल हो चुका है।

क्या 'मदर ऑफ शैतान' ने किया लाल किले पर धमाका?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किला के पास हुए धमाके में जिस विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ, वह बेहद खतरनाक था। जांच एजेंसियों को पहले शक है कि i20 कार में हुए धमाके में विस्फोटक 'मदर ऑफ शैतान' के नाम से कुख्यात ट्राईएसीटोन ट्राईपेरऑक्साइड (TATP) का इस्तेमाल हुआ होगा।
जांच अधिकारियों के अनुसार, 'मदर ऑफ शैतान' के नाम से कुख्यात ट्राईएसीटोन ट्राईपेरऑक्साइड इतना खतरनाक होता है कि डेटोनेटर के सिर्फ गर्मी से भी फट सकता है। फिहलाल फॉरेंसिक अधिकारी इसकी पुष्टि करने में जुटे हैं कि धमाके के पीछे TATP ही था या नहीं।
क्या है मदर ऑफ शैतान?
दरअसल, लाल किले के पास i20 कार में हुए धमाके में पुलिस को पहले शक था कि इस धमाके में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ था। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, (ट्राईएसीटोन ट्राईपेरऑक्साइड (TATP) बहुत संवेदनशील विस्फोटक है। यह हल्की सी रगड़, दबाव या तापमान में बदलाव से ब्लास्ट हो सकता है। इसे फटने के लिए किसी डेटोनेटर की जरूरत नहीं होती, जबकि अमोनियम नाइट्रेट रासायनिक और थर्मल रूप से स्थिर होता है और उसे विस्फोट के लिए बाहरी डेटोनेशन की जरूरत होती है।
ट्राईएसीटोन ट्राईपेरऑक्साइड विस्फोटक को 'मदर ऑफ शैतान' इसलिए कहा जाता है क्योंकि दुनिया भर में गैरकानूनी बम बनाने वालों ने इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है। इसके प्रमाण 2017 के बार्सिलोना हमले, 2015 के पेरिस अटैक, 2017 के मैनचेस्टर ब्लास्ट और 2016 के ब्रसेल्स धमाकों के बाद मिले थे। ऐसा माना जाता है कि इन विस्फोटकों के निर्माताओं को किसी न किसी रूप में आतंकवादी प्रशिक्षण प्राप्त हुआ था।
लाल किले के पास हुए धमाके वाली जगह पर जांच के दौरान ऐसे संकेत मिलते हैं कि इसमें TATP का इस्तेमाल हुआ हो सकता है। फॉरेंसिक टीमें मौके से मिले सैंपल की जांच कर रही हैं। यह भी जांच किया जा रहा है कि क्या यह धमाका गलती से हुआ या इसे किसी बड़े आतंकी ऑपरेशन के लिए ले जाया जा रहा था।
इसके साथ ही जांच एजेंसिया यह भी पता लगाने की कोशिश में हैं कि उमर ने TATP बनाने के लिए जरूरी केमिकल्स कैसे जुटाए, क्योंकि इसके लिए कई तरह की सामग्री चाहिए होती है। पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां उमर की डिजिटल ट्रेल, मूवमेंट लॉग और कम्युनिकेशन हिस्ट्री खंगाल रही हैं।

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