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    EWS Reservation: धर्मेंद्र प्रधान की दो टूक, विपक्ष के मुंह पर तमाचा है ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर SC का फैसला

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Mon, 07 Nov 2022 05:42 PM (IST)

    शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को विपक्ष के मुंह पर तमाचा बताया। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रख शीर्ष न्यायालय ने निहित स्वार्थों वाले दलों की मंशा पर पानी फेर दिया है।

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    विपक्ष के मुंह पर तमाचा ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर SC का फैसला

    नई दिल्ली, पीटीआई: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को विपक्ष के मुंह पर तमाचा बताया। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रख शीर्ष न्यायालय ने निहित स्वार्थों वाले दलों की मंशा पर पानी फेर दिया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में, 3:2 के बहुमत से ईडब्ल्यूएस आरक्षण देने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को बरकरार रखा है। मामले में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है, ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है।

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    संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता संशोधन

    केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए ट्वीट किया कि, ‘संशोधन वैध है और किसी भी तरह से संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है। ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी निहित स्वार्थ वाले दलों के मुंह पर एक तमाचा है। जिन्होंने देशवासियों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की है।

    SC ने संशोधन की वैधता को रखा बरकरार

    सुप्रीम कोर्ट ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को दो के मुकाबले तीन मतों के बहुमत से सोमवार को बरकरार रखा। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता।

    कमजोर वर्ग के लिए खुलेंगे नए रास्ते

    शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि, ईडब्ल्यूएस के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण को संवैधानिक वैधता से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिये अवसरों के नये दरवाजे खुलेंगे। खासतौर पर उच्च शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले एवं सरकारी नौकरियों में। इससे सबका साथ और सबका विकास की भावना के साथ सामाजिक न्याय को मजबूती मिलेगी। प्रधान ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नया भारत न केवल वंचित वर्गो के अधिकारों को बरकरार रख रहा है बल्कि सभी के लिये समान अवसर भी सुनिश्चित कर रहा है।

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