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    EWS Reservation: गुजरात में राजनेताओं, पाटीदार कोटा समर्थकों ने EWS आरक्षण पर SC के आदेश का किया स्वागत

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Mon, 07 Nov 2022 05:07 PM (IST)

    Supreme court ने कहा कि आरक्षण संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है। मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 2019 में केंद्र द्वारा प्रख्यापित 103 वें संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली 40 याचिकाओं पर चार अलग-अलग फैसले सुनाए।

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    विभिन्न राजनीतिक दलों ने आरक्षण की वैधता को बरकरार रखने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया।

    अहमदाबाद, पीटीआई। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और गुजरात में 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वालों ने सोमवार को सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की वैधता को बरकरार रखने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से गरीब लोगों को न्याय दिलाने में मदद मिलेगी। एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 3:2 के बहुमत से प्रवेश और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) से संबंधित लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले 103 वें संविधान संशोधन की वैधता को बरकरार रखा।

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    आरक्षण संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं

    कोर्ट ने कहा कि आरक्षण संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है। मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 2019 में केंद्र द्वारा प्रख्यापित 103 वें संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली 40 याचिकाओं पर चार अलग-अलग फैसले सुनाए। गहलोत ने कहा कि राजस्थान कैबिनेट ने देश में पहली बार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था और उस समय अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।

    "समितियों का गठन किया गया और आखिरकार 103 वां संवैधानिक संशोधन किया गया। गहलोत ने वडोदरा में संवाददाताओं से कहा, मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। इससे गरीबों को न्याय मिलेगा। हमारी भावना यह होनी चाहिए कि एक गरीब व्यक्ति चाहे वह किसी भी समुदाय का हो उसे न्याय मिले।

    राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया

    भाजपा नेता और गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन आंदोलनों को खत्म कर देगा जो पहले गुजरात सहित कई राज्यों में देखे गए थे। उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखे गए प्रावधानों (10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटा) से देश की एकता मजबूत होगी। इससे पूरा देश खुश है। मैं भी फैसले का स्वागत करता हूं।"

    2015 में आरक्षण के लिए समुदाय के आंदोलन का नेतृत्व करने वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के पूर्व संयोजक भाजपा नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि 68 समुदायों के सदस्यों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। पटेल ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिए गए फैसले को सर्वोच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है। 68 समुदायों के सदस्यों को शिक्षा और नौकरियों में लाभ मिलेगा। मुझे गर्व है कि लोग हमारे (कोटा) आंदोलन से लाभान्वित होंगे।"

    आम आदमी पार्टी के गुजरात अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने भी शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत किया। इटालिया ने कहा कि ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को आरक्षण की मांग देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों ने की थी और इसका नेतृत्व गुजरात में पाटीदार युवाओं ने 2015 में आंदोलन के माध्यम से किया था।

    उन्होंने कहा, "यह पूरे देश की मांग थी और इसका नेतृत्व पाटीदार समुदाय और अल्पेश कथिरिया जैसे युवाओं ने किया था। मैं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करता हूं और 10 प्रतिशत आरक्षण के लाभार्थियों को बधाई देता हूं।"

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    राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नेता रेशमा पटेलव ने भी फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "फैसला गुजरात में पाटीदार युवाओं के संघर्ष के परिणाम में एक अतिरिक्त गुण जोड़ता है। आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों का एक बड़ा वर्ग फैसले और 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण से लाभान्वित होगा।"

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