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    रिटायर्ड अधिकारियों का पूल बनाने की तैयारी में DGCA, सर्कुरल हुआ जारी; दिशा निर्देश भी तैयार

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 06:00 AM (IST)

    विमानन नियामक डीजीसीए सेवानिवृत्त तकनीकी अधिकारियों का एक समूह बनाने की योजना बना रहा है। ये अधिकारी एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट और उड़ान प्रशिक्षण स्कूलों के लाइसेंस सहित विभिन्न प्रमाणन प्रक्रियाओं में संस्थाओं की मदद करेंगे। डीजीसीए ने इस संबंध में दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। यह कदम आवेदकों और संस्थाओं को प्रक्रिया समझने में होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए उठाया गया है।

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    डीजीसीए की नई पहल: सेवानिवृत्त अधिकारियों का प्रमाणन में सहयोग। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विमानन नियामक डीजीसीए अपने सेवानिवृत्त तकनीकी अधिकारियों का पूल (समूह) बनाने की योजना बना रहा है। योजना के तहत सेवानिवृत्त अधिकारी एयर आपरेटर सर्टिफिकेट और उड़ान प्रशिक्षण स्कूलों के लाइसेंसिंग सहित विभिन्न प्रमाणन प्रक्रियाओं में संस्थाओं की मदद करेंगे।

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    सोमवार को जारी सर्कुलर के अनुसार, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अपने सेवानिवृत्त अधिकारियों का पूल तैयार करने के लिए दिशानिर्देश भी तैयार कर लिए हैं ताकि सेवानिवृत्त अधिकारी प्रमाणन प्रक्रियाओं में सलाह दे सकें।

    पांच चरणों वाली प्रमाणन प्रक्रिया का पालन होता है पालन

    नियामक पांच चरणों वाली प्रमाणन प्रक्रिया का पालन करती है। सर्कुलर में कहा गया है, अक्सर यह देखा गया है कि आवेदकों और संस्थाओं को पूरी प्रक्रिया को समझने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिससे देरी और अनुपालन संबंधी चुनौतियां होती हैं। इस समस्या के समाधान के लिए डीजीसीए ने अपने सेवानिवृत्त अधिकारियों का समूह बनाने का प्रस्ताव किया है, जिनके पास व्यापक संस्थागत ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव हो।

    सेवानिवृत कर्मचारी करेंगे ये काम

    इन अधिकारियों को मार्गदर्शन देने, प्रमाणन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने और सभी आवश्यक चरणों को समय पर और कुशलतापूर्वक पूरा करने के लिए सलाहकार की भूमिका में नियुक्त किया जा सकता है। ये सेवानिवृत्त तकनीकी अधिकारी अन्य विनियामक कार्यों के अलावा एओसी/एओपी (एयर आपरेटर सर्टिफिकेट/एयर आपरेटर परमिट) जारी करने, एफटीओ (फ्लाइंग ट्रेनिंग आर्गनाइजेशन) लाइसेंसिंग जैसी प्रक्रियाओं में सलाहकार सहायता प्रदान करेंगे।

    सलाहकार पारदर्शिता, तकनीकी सटीकता और आइसीएओ (अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) मानकों के अनुसार कार्य करेंगे और डीजीसीए के फैसलों पर कोई प्रभाव नहीं डालेंगे। गौरतलब है कि बढ़ती हवाई यातायात मांग को पूरा करने के लिए, एयरलाइंस अपने बेड़े का विस्तार कर रही हैं। भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक है।

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