'अमेरिका आतंकी पन्नू के हद पार करने पर करेगा कड़ी कार्रवाई', उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा ने दिया आश्वासन
अमेरिकी उप विदेश मंत्री (प्रबंधन व संसाधन) रिचर्ड वर्मा ने आश्वासन दिया है कि अमेरिका निश्चित रूप से भारत में आतंकी घोषित गुरुपतवंत सिंह पन्नू या उसके साथियों के खिलाफ कोई भी हद पार करने पर कार्रवाई करेगा। लेकिन ऐसा करने के लिए कानून के दायरे में रहते हुए काम करना होगा। भारत दौरे पर आए रिचर्ड वर्मा ने कहा कि वह किसी विशेष मामले का नाम नहीं लेना चाहते।

एएनआई, नई दिल्ली। अमेरिकी उप विदेश मंत्री (प्रबंधन व संसाधन) रिचर्ड वर्मा ने आश्वासन दिया है कि अमेरिका निश्चित रूप से भारत में आतंकी घोषित गुरुपतवंत सिंह पन्नू या उसके साथियों के खिलाफ कोई भी हद पार करने पर कार्रवाई करेगा। लेकिन ऐसा करने के लिए कानून के दायरे में रहते हुए काम करना होगा।
भारत दौरे पर आए रिचर्ड वर्मा ने कहा कि वह किसी विशेष मामले का नाम नहीं लेना चाहते, हमें कानून के तहत ही काम करना होगा और हम करते भी हैं। लेकिन जब लोग अपनी सीमा लांघते हैं तो उन्हें जवाबदेह बनाया जाता है।
अमेरिकी किसी तरह का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगा
यह पूछे जाने पर कि भारतीय समझ नहीं पाते हैं कि अमेरिका खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करता है, वर्मा ने कहा कि अमेरिकी सरकार किसी तरह का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगी, खासकर राजनयिकों को निशाना बनाना असहनीय है।
दोनों देशों में अभिव्यक्ति की आजादी के अलग कानून
उन्होंने कहा कि कोई कुछ भी कहे पर दोनों देशों में अभिव्यक्ति की आजादी के अलग-अलग कानून हैं। हमें यह देखना पड़ता है कि कहां सीमा लांघी जा रही है। अगर कहीं व्यवहार में ऐसा नजर आता है, तो हम उन्हें नहीं छोड़ते हैं। जबकि हम हिंसा और राजनयिकों के उत्पीड़न के मामलों पर भी कड़ी कार्रवाई करते हैं। हमारा कानून हमें जो करने की इजाजत देता है, हम वह करते हैं और करते रहेंगे।
कूटनीतिक सुरक्षा दल ने अच्छा काम किया
भारत में पूर्व राजदूत रहे रिचर्ड वर्मा ने कहा कि हमारे कूटनीतिक सुरक्षा दल ने बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने सिर्फ भारतीय राजनयिकों की ही नहीं बल्कि अमेरिका में सभी राजनयिकों की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच असाधरण रक्षा संबंध हैं जो दुनिया में किन्ही और देशों के बीच नहीं हैं।
अमेरिका और भारत रक्षा क्षेत्र में प्रमुख साझीदार
अमेरिका और भारत रक्षा क्षेत्र में प्रमुख साझीदार हैं। जब हम दोनों देशों के सैन्य अभ्यासों को देखते हैं तो बहुत खुशी होती है और अत्यधिक प्रेरणा मिलती है। भारत ने अमेरिका के साथ सबसे अधिक सैन्य अभ्यास किए हैं। दो हजार के दशक के शुरुआती सालों में भारत और अमेरिका के बीच कोई रक्षा सौदा नहीं हुआ था। लेकिन अब 24-25 अरब डालर रक्षा और तकनीकी क्षेत्र में सौदे हो चुके हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने बताया कि पिछले ही महीने चार अरब डॉलर के 31 सशस्त्र ड्रोन, मिसाइलों और अन्य उपकरणों की बिक्री की गई है।
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