दिल्ली-NCR में लोग नहीं खरीद पा रहे घर, इस मेट्रो सिटी में हाउस ओनर बनना हुआ आसान
होम लोन की ब्याज दरें घटने के बावजूद, दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी की कीमतों में वृद्धि के कारण घर खरीदना मुश्किल हो गया है। नाइट फ्रैंक इंडिया के अनुस ...और पढ़ें

दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की कीमतें बढ़ीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। होम लोन पर ब्याज दरें घटने के बावजूद दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आवासीय संपत्तियों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी ने घर खरीदने की क्षमता को प्रभावित किया है।
रियल एस्टेट सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा कि इस साल मुंबई में लोगों की आवासीय संपत्तियों की खरीदने की क्षमता में सुधार हुआ है।
दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की कीमतें बढ़ीं
नाइट फ्रैंक का आवासीय व्यवहार्यता सूचकांक यह मापता है कि किसी शहर में एक घर के लिए मासिक किस्त (ईएमआइ) चुकाने के लिए परिवार की आय का कितना प्रतिशत आवश्यक है।
इस सूचकांक के मुताबिक, किसी शहर में 40 प्रतिशत का सूचकांक स्तर यह दर्शाता है कि वहां के औसत परिवार को ईएमआइ पर अपनी आय का 40 प्रतिशत खर्च करना होगा। आमतौर पर मासिक किस्त एवं आय के बीच 50 प्रतिशत से अधिक का अनुपात खरीदार के लिए असुविधाजनक माना जाता है।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मासिक किस्त एवं आय के बीच का अनुपात 2025 में 28 प्रतिशत रहा जो पिछले वर्ष के 27 प्रतिशत की तुलना में मामूली रूप से अधिक है।
मुंबई में घर खरीदने की क्षमता में सुधार
नाइट फ्रैंक ने कहा, 'एनसीआर इकलौता ऐसा प्रमुख आवास बाजार रहा है जहां इस साल खरीदारों की पहुंच में कमी आई है। इसका कारण यहां प्रमुख संपत्तियों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी और प्रीमियम आवासीय खंड में गतिविधियों का बढ़ना है।'
अहमदाबाद घर खरीद पाने की क्षमता के लिहाज से शीर्ष आठ शहरों में सबसे सुलभ है, जहां ईएमआइ एवं आय का अनुपात 18 प्रतिशत है।
इसके बाद पुणे और कोलकाता में 22 प्रतिशत का अनुपात है। मुंबई में घर खरीदारों की पहुंच में इस साल सुधार हुआ है। वहां पर ईएमआइ एवं आय का अनुपात 2025 में घटकर 47 प्रतिशत तक आ गया।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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