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    दिल्लीवालों को मिलेगी प्रदूषण और धूल से निजात, सरकार ने बना लिया मेगा प्लान

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 09:47 PM (IST)

    केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली-एनसीआर में धूल से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की योजना बनाई है। इसके तहत सड़कों के किनारों और डिवाइड ...और पढ़ें

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    सड़कों के किनारों और डिवाइडरों पर लगेंगी घास-झाड़ियां

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण में धूल की बड़ी हिस्सेदारी को देखते हुए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने अब इसके दायरे में आने वाली सभी सड़कों के किनारों व डिवाइडरों को घास और ऐसी घनी झाडि़यां से आच्छादित करने की योजना बनाई है, जो हवाओं के चलने पर भी धूल को न उड़ने दे।

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    मंत्रालय ने भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् ( आइसीएफआरई ) व बाटनिकल सर्वे आफ इंडिया के सहयोग से कराए गए अध्ययन के बाद से यहां तेजी से विकसित होने वाली 13 घासों और घनी झाडि़यों के नाम भी सुझाए है।

    सड़कों के किनारों और डिवाइडरों पर घास-झाड़ियां लगेंगी

    इनमें अधिकांश घासें या झाडि़यां ऐसी है जो बड़े पौधे के नीचे भी जमीन पर फैलने वाली है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली-एनीसआर के राज्यों और नगरीय निकायों के साथ हाल ही में की गई बैठक में इन घासों और झाडियों की सूची भी साझा की है। साथ ही सड़कों के किनारे सभी स्थानों पर इन्हें तेजी से लगाने के निर्देश दिए है।

    मंत्रालय ने यह पहल तब की है, जब एक अध्ययन के मुताबिक मौजूदा समय में एनसीआर के बढ़े वायु प्रदूषण में पीएम-10 के स्तर में धूल की हिस्सेदारी करीब 58 प्रतिशत है जबकि पीएम- 2.5 में धूल और वाहन दोनों से होने वाले प्रदूषण का हिस्सा करीब 35 प्रतिशत है।

    पीएम-10 में धूल की 58% हिस्सेदारी कम होगी

    मंत्रालय का मानना है कि इस दौरान वायु प्रदूषण बढ़ने पर निर्माण कार्यों को तो रोक दिया जाता है लेकिन सड़कों के किनारों से उठने वाली धूल को नियंत्रित करने के कोई उपाय नहीं है। ऐसे में सड़कों के किनारों और डिवाइडरों को जमीन पर तेजी से फैलाने वाली घासों और घनी झाडि़यों से आच्छादित कर दिया जाएगा तो वायु प्रदूषण में धूल की मात्रा को रोकने में मदद मिलेगी।

    इस दौरान ऐसे घासे और झाडियां भी सुझायी गई है,जो कम पानी में भी तेजी से फैलती है। मंत्रालय के मुताबिक एनसीआर के सभी निकायों से इसे वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बनाए गए अपने सालाना एक्शन प्लान में शामिल करने के लिए कहा गया।