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    नाग मिसाइल, मोबिलिटी वाहन और सरफेस गन... तीनों सेनाओं के लिए 79000 करोड़, डीएसी ने दी मंजूरी

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 09:19 PM (IST)

    रक्षा खरीद परिषद ने तीनों सेनाओं के लिए 79000 करोड़ रुपये के सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी है। थल सेना के लिए नाग मिसाइल सिस्टम, नौसेना के लिए सरफेस गन और वायुसेना के लिए लंबी दूरी के लक्ष्य भेदी सिस्टम खरीदे जाएंगे। इस खरीद से सेनाओं की मारक क्षमता और संचालन दक्षता में वृद्धि होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया।

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    राजनाथ सिंह। (फाइल)

    संजय मिश्र, जागरण ब्यूरो। रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने शुक्रवार को तीनों सेनाओं की मारक क्षमता में इजाफे के लिए 79000 करोड़ रूपए के सैन्य साजो समान-उपकरणों की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इसमें थल सेना के लिए नाग मिसाइल सिस्टम, मोबिलिटी वाहन तो नौसेना के लिए सरफेस गन, रैपिड गन तथा एडवांस लाइटेवट टॉरपीडो आदि की खरीद का प्रस्ताव है। जबकि वायुसेना की आपरेशन क्षमता बढ़ाने के लिए नेवीगेशन तथा टेक-ऑफ और लैंडिंग की दक्षता में इजाफा करने वाले उपकरणों की खरीद का प्रस्ताव शामिल है।

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    रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी की हुई बैठक में इन सैन्य खरीद प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। रक्षा खरीद परिषद ने जिन सैन्य खरीद के प्रस्तावों को अपनी स्वीकृति प्रदान की है उसमें थल सेना के लिए नाग मिसाइल सिस्टम (ट्रैक्ड) एमके-ढ्ढढ्ढ (एनएएमआईएस), ग्राउंड बेस्ड मोबाइल ईएलआईएनटी सिस्टम (जीबीएमईएस) और मैटेरियल हैंडलिंग क्रेन के साथ हाई मोबिलिटी व्हीकल्स (एचएमवी) की खरीद का प्रस्ताव अहम है।

    भारतीय सेना की बढ़ेगी क्षमता

    रक्षा मंत्रालय के अनुसार एनएएमआईएस (ट्रैक्ड) की खरीद से भारतीय सेना की दुश्मन के लड़ाकू वाहनों, बंकरों और अन्य क्षेत्रीय किलेबंदी को निष्क्रिय करने की क्षमता बढ़ेगी। जबकि जीबीएमईएस दुश्मन के खुफिया उपकरणों की चौबीसों घंटे इलेक्ट्रॉनिक खुफिया जानकारी मुहैया कराएगा। हेवी मोबिलिटी व्हीकल्स अलग-अलग तरीके के कठिन भौगोलिक इलाकों में सेनाओं को रसद सहायता तत्परता से पहुंचाने की वर्तमान क्षमता में इजाफा करेगा।

    डीएसी ने नौसना के लिए जिन खरीद प्रस्तावों को अनुमति प्रदान की है उसमें लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक्स (एलपीडी), 30 मिमी नेवल सरफेस गन (एनएसजी), एडवांस्ड लाइट वेट टॉरपीडो (एएलडब्ल्यूटी), इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रा-रेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम और 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट के लिए स्मार्ट गोला-बारूद की खरीद का प्रस्ताव शामिल है। एलपीडी की खरीद से नौसेना को सेना और वायु सेना के साथ जल-थल और आकाश में साझा अभियानों को अंजाम देने में मदद मददगार होगा।

    पनडुब्बियों को निशाना बनाने की नौसेना की क्षमता बढ़ेगी

    एलपीडी द्वारा प्रदान की गई एकीकृत समुद्री क्षमता भारतीय नौसेना को शांति अभियानों, मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों आदि में भी मदद करेगी। डीआरडीओ की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एएलडब्ल्यूटी के आने से पारंपरिक, परमाणु और छोटी पनडुब्बियों को निशाना बनाने की नौसेना की क्षमता बढ़ेगी। 30 मिमी एनएसजी की खरीद से नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल की कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों और समुद्री डकैती विरोधी अभियानों को संचालित करने की क्षमता में वृद्धि होगी।

    लंबी दूरी लक्ष्य विध्वंसक प्रणाली की खरीद का प्रस्ताव शामिल

    रक्षा मंत्रालय के मताबिक खरीद के इन प्रस्तावों में वायुसेना के लिए सहयोगी लंबी दूरी लक्ष्य विध्वंसक प्रणाली (सीएलआरटीएस/डीएस) के साथ कुछ अन्य उपकरणों की खरीद का प्रस्ताव शामिल है। सीएलआरटीएस मिशन क्षेत्र में स्वचालित टेक-ऑफ, लैंडिंग, नेविगेशन, निगरानी और पेलोड पहुंचाने की वायुसेना की क्षमता में वृद्धि करेगा। डीएसी की इस स्वीकृति के बाद अब कैबिनेट की रक्षा मामलों की समिति खरीद के इन प्रस्तावों पर अपनी अंतिम मंजूरी देगी।

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