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    Deepfake Video Case: IT अधिनियम की धारा 79 बना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए 'सुरक्षा कवच', डीपफेक से कैसे निपटेगी सरकार?

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Thu, 23 Nov 2023 12:34 AM (IST)

    डीपफेक मामले को लेकर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने चिंता जाहिर की है। डीपफेक से निपटने के लिए सरकार ने 24 नवंबर को गूगल फेसबुक यूट्यूब समेत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को बुलाया है। वहीं केंद्रीय मंत्री ने आईटी अधिनियम की धारा 79 की वजह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस द्वारा उठाए जा रहे गलत फायदे का जिक्र किया है।

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    सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म उठा रहे धारा 79 का गलत फायदा।(फोटो सोर्स: जागरण)

    जेएनएन, नई दिल्ली।  Deepfake Video Case। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी की मदद से इंटरनेट पर यूजर्स का काम काफी आसान हो चुका है। एआई (AI) ने यूजर्स की जिंदगी बेहतर बनाई है, लेकिन इसने कई समस्याओं को भी जन्म दिया है।

    पिछले कुछ दिनों पहले भारत की पॉपुलर साउथ सेलिब्रिटी रश्मिका मंदाना की डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। इस घटना के बाद डीपफेक टेक्नोलॉजी के खतरे को लेकर काफी चर्चा हो रही है। इंटरनेट पर ऐसे अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों तक पहुंचना काफी मुश्किल है।

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    इस मामले पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने चिंता जताई है। डीपफेक से निपटने के लिए सरकार ने 24 नवंबर को गूगल, फेसबुक, यूट्यूब समेत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को बुलाया है। सरकार ने चेतावनी दी है कि डीपफेक पाए जाने के बाद कंटेंट ना हटाए जाने वाले प्लेटफॉर्म के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

    सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म उठा रहे धारा 79 का गलत फायदा: राजीव चंद्रशेखर

    इसी बीच राजीव चंद्रशेखर लगातार आईटी अधिनियम की धारा 79 की वजह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस द्वारा उठाए जा रहे गलत फायदे का जिक्र कर रहे हैं।

    उन्होंने आईटी अधिनियम की धारा 79 की बारीकियों को समझाया है। उन्होंने कहा कि तकरीबन 22 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 लागू किया गया था। साल 2008 में इसमें संशोधन किया गया। इसमें धारा 79 है।

    क्या है धारा 79?

    यह धारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस के लिए एक सुरक्षा कवच बन चुका है। इस धारा के तहत किसी भी इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर मौजूद कंटेंट के लिए के लिए इंटरनेट प्लेटफॉर्म कंपनी जिम्मेदार नहीं होगी, यह यूजर्स की जिम्मेदारी है।

    अगर सरकार या किसी व्यक्ति को मुकदमा चलाना हो तो वो यूजर्स पर मुकदमा चलाएं, ना कि प्लेटफार्म पर। इस धारा के तहत सोशल मीडिया कंपनी अपनी जिम्मेदारियों से पलड़ा झाड़ने में कामयाब हो जाते हैं।

    राजीव चंद्रशेखर ने आगे कहा, मैं उन दिनों आईटी कमेटी का हिस्सा था और मैंने इस धारा का विरोध किया था।

    राजीव चंद्रशेखर ने कहा,"आज के समय इंटरनेट प्लेटफॉर्मों मे अच्छे व्यवहार की कमी आ चुकी है, जिसके लिए कहीं न कहीं धारा 79 जिम्मेदार है। हालांकि, अब सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम, 2021 के तहत किसी भी यूजर द्वारा गलत सूचना के प्रसार को रोकना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए एक कानूनी दायित्व है।"

    उन्होंने आगे कहा कि नियम के मुताबिक, यूजर्स या सरकार से रिपोर्ट प्राप्त होने पर 36 घंटे के भीतर ऐसी कंटेंट को हटाना अनिवार्य है। अगर प्लेटफॉर्म ऐसा नहीं, करते तो शिकायतकर्ता कंपनी के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज करवा सकता है।

    पीएम मोदी ने भी जताई चिंता

    कुछ दिनों पहले डीपफेक कंटेंट पर चिंता जाहिर करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी ढेरों वीडियो वायरल हो रही हैं, जिनमें वो गाना गाते और गरबा खेलते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया को डीप फेक वीडियो के बारे में लोगों को शिक्षित करना चाहिए।

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