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    बिना कोचिंग सेल्फ स्टडी कर IAS बनी दीक्षा जोशी, इंटर्नशिप के दौरान सिविल सेवा में जाने का बनाया था मन

    By Ashisha Singh RajputEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Thu, 23 Feb 2023 06:35 PM (IST)

    दीक्षा जोशी उतराखंड के पिथौरागढ़ ब्लॉक के मूनाकोट ब्लॉक के सिलोनी गांव की रहने वाली हैं। दीक्षा के पिता सुरेश जोशी भाजपा में वरिष्ठ नेता हैं वहीं माता गीता जोशी गृहणी हैं। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई उतराखंड से ही पूरी की है। (जागरण-फोटो)

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    दीक्षा जोशी उतराखंड के पिथौरागढ़ ब्लॉक के मूनाकोट ब्लॉक के सिलोनी गांव की रहने वाली हैं।

    नई दिल्ली, जेएनएन। IAS अधिकारी बनना हर युवा का सपना होता है। लाखों युवा एक प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। एकाग्रता और लगन से पढ़ाई करने वाले छात्र इसके लिए पूरी तरह समर्पित रहते हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा बहुत कठिन होती है।

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    इस परीक्षा में सफल होने के लिए हर छात्र की अपनी अलग एक कहानी होती है, जो सभी को प्रेरित करती हैं। इनमें से ही एक कहानी है दीक्षा जोशी की आइए इस खबर में जानें उनके कामयाबी की कहानी-

    जानें दीक्षा जोशी के बारें में

    दीक्षा जोशी उतराखंड के पिथौरागढ़ ब्लॉक के मूनाकोट ब्लॉक के सिलोनी गांव की रहने वाली हैं। दीक्षा के पिता सुरेश जोशी भाजपा में वरिष्ठ नेता हैं वहीं, माता गीता जोशी गृहणी हैं। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई उतराखंड से ही पूरी की है। स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने उतराखंड हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से MBBS की डिग्री पूरी की।

    कैसे बना सिविल सेवा में जाने का मन

    दीक्षा जोशी जब एमबीबीएस में इंटर्नशिप कर रही थी। उसी दौरान उन्होंने सिविल सेवा में जाने का अपना मन बनाया था। उन्होंने यही से तय किया था कि उन्हें आईएएस अधिकारी बनना है।

    कोचिंग लेने के बाद नहीं हुईं सफल

    दीक्षा ने शुरुआत में अपने सिविल सेवा के सपने को पूरा करने के लिए कोचिंग की सहायता ली थी, लेकिन वह परीक्षा के अपने पहले प्रयास में सफल नहीं हो सकी। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास के लिए तैयारी करने लगी।

    दूसरे प्रयास में हुईं सफल

    दीक्षा जोशी दूसरे प्रयास के लिए फिर से तैयारी की। अपनी सेल्फ स्टडी के दम पर उन्होंने दूसरे प्रयास में सफलता का स्वाद चखा। उन्होंने दिन में अपने पढ़ने का समय निर्धारित किया। इसके अलावा एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों के साथ कुछ पांरपरिक पुस्तकों को भी पढ़ना शुरू किया। वह अधिक पुस्तकें पढ़ने के बजाय सीमित पुस्तकें पढ़ीं और बार-बार उनका रिविजन करना शुरू किया। वहीं, साल 2021 की परीक्षा में उन्होंने 1020 अंकों के साथ 19वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा कर दिया।

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