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    'मौत सिर्फ 20-25 मिनट की दूरी पर थी', शेख हसीना बोलीं- अल्लाह ने मुझे बचाया, शायद अभी कोई बड़ा काम करना है

    Updated: Sat, 18 Jan 2025 08:35 PM (IST)

    पिछले साल पांच अगस्त को पद और देश छोड़ने वाली शेख हसीना ने नया खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को मौत बिल्कुल करीब थी। उन्होंने जान बचाने पर अल्लाह का शुक्रिया अदा किया। हसीना ने कहा कि शायद अभी कोई बड़ा काम करना है। इसलिए जीवनदान मिला है। शेख हसीना पर पहले भी दो बार जनलेवा हमला हो चुका है।

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    बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना। ( फाइल फोटो )

    पीटीआई, नई दिल्ली। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि पिछले वर्ष पांच अगस्त को जब छात्र आंदोलन के दौरान उनकी अवामी लीग सरकार को गिराया गया था तो मौत उनसे एवं उनकी छोटी बहन शेख रेहाना से सिर्फ 20 से 25 मिनट के फासले पर थी।

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    अवामी लीग पार्टी ने अपने फेसबुक पेज पर एक संक्षिप्त ऑडियो नोट प्रसारित किया है। इसमें शेख हसीना ने अपनी जान बचाने के लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा किया है।

    कुछ बड़ा काम करवाना है... इसलिए अल्लाह ने बचाया

    उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि कैसे पहले भी दो बार उन पर जानलेवा हमला हो चुका है और वह बाल-बाल बच गई थीं। उन्होंने कहा कि शायद अल्लाह मुझसे कुछ बड़ा काम करवाना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने मेरी जान बचाई है।

    ऑडियो क्लिप में उन्हें बांग्ला में यह कहते हुए सुना जा सकता है, ''हम मौत से सिर्फ 20-25 मिनट के अंतर से बच गए। मुझे लगता है कि 21 अगस्त को हुई हत्याओं से बचना, कोटालीपाड़ा में हुए बड़े बम विस्फोट से बचना या पांच अगस्त, 2024 को बच जाना, इसके पीछे जरूर अल्लाह की इच्छा रही होगी। अन्यथा, मैं इस बार नहीं बच पाती।''

    पांच अगस्त से भारत में हसीना

    77 वर्षीय शेख हसीना ने लरजती आवाज में अपने राजनीतिक विरोधियों पर उन्हें मरवाने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उल्लेखनीय है कि हसीना पिछले साल पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं। बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन के बाद वे वहां से भारत चली आई थीं। इस छात्र आंदोलन ने उनकी अवामी लीग की 16 साल की सरकार को उखाड़ फेंका था।

    देश छोड़ने के लिए मिले थे 45 मिनट

    सुरक्षा बलों ने शेख हसीना को अपने सरकारी गणभवन आवास को खाली करने के लिए 45 मिनट का समय दिया था। इसमें कहा गया था कि गुस्साई भीड़ सरकारी प्रतिष्ठान की ओर बढ़ रही है और उनकी जान को खतरा है। इसके बाद हसीना को पहले पास के सैन्य हवाईअड्डे पर ले जाया गया और बाद में वायुसेना के एक विमान ने उन्हें रेहाना के साथ भारत पहुंचाया।

    घर को भी आग के हवाले किया

    गणभवन से निकलने के कुछ ही समय बाद भीड़ ने प्रधानमंत्री के आवास में तोड़फोड़ की और उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान के 32 धानमंडी स्थित घर को आग के हवाले कर दिया।

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