दाऊद के करीबी दानिश को लाया गया भारत, मिल सकती है डॉन से जुड़ी अहम जानकारी
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि दानिश अली से पूछताछ के दौरान सोहेल कासकर और दाऊद इब्राहिम के गैंग से जुड़ी अहम जानकारी मिल सकेगी।
मुंबई, जेएनएन। मुंबई के 1993 बम धमाकों के मास्टमाइंड दाऊद इब्राहिम के सहयोगी दानिश अली को भारत प्रत्यर्पित कर लिया गया है। उसको मुंबई क्राइम ब्रांच ने जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया है। दानिश अली को सफलता पूर्वक भारत लाने के बाद अधिकारी लगातार उससे पूछताछ कर रहे हैं। दानिश को दाऊद के भतीजे सोहेल कासकर के साथ गिरफ्तार किया गया है, जो अभी अमेरिका में है। भारतीय अधिकारी अब उसे भी राजनयिक चैनलों के माध्यम से प्रत्यर्पित करवाने की कोशिश में जुटे हैं।
बता दें कि दानिश मूल रूप से दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके का निवासी है, उसका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। सूत्रों ने बताया कि दानिश 2001 में भारत छोड़कर दुबई चला गया था, जहां वह कासकर से मिला। दोनों ने मिलकर लगभग तीन साल तक काम किया, इसके बाद कासकर उसे हीरे की तस्करी के दलदल में ले गया। कासकर और दानिश ने फिर रूस जाने का फैसला किया, जहां काफी हीरे की खान हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'दानिश रूस जाना चाहता था, लेकिन उसे वीजा नहीं मिला। इसलिए वह स्टूडेंट वीजा से वहां पहुंचा। दानिश वहां दो साल तक कॉलेज भी गया और इसके बाद वह हीरे की तस्करी में जुट गया।'
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि दानिश अली से पूछताछ के दौरान सोहेल कासकर और दाऊद इब्राहिम के गैंग से जुड़ी अहम जानकारी मिल सकेगी। साथ ही उनके गिरोह के अंतरराष्ट्रीय अभियानों और उनके दूसरे सहयोगियों के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी। बता दें कि अमेरिका में ड्रग तस्करी और हथियार आपूर्ति मामले में सजा पूरी होने के बाद दानिश अली को करीब बीस दिन पहले भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया। हालांकि सुरक्षा कारणों से इस जानकारी को गुप्त रखा गया था।
प्रत्यर्पित होने के बाद दानिश अली को मुंबई क्राइम ब्रांच ने जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। अब दानिश को राजधानी लाया जाएगा, क्योंकि उसके खिलाफ दिल्ली में कई मामले दर्ज हैं।