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    डाटा गवर्नेंस सामने लाएगा खामियां, पंचायतों का होगा लक्षित विकास; जानिए क्या है केंद्र सरकार का पूरा प्लान

    Updated: Mon, 26 May 2025 09:15 PM (IST)

    केंद्र सरकार पंचायतों के विकास के लिए प्रयासरत है। पंचायतीराज मंत्रालय ने पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स 1.0 जारी किया लेकिन कोई भी पंचायत ए श्रेणी में नहीं आई। अब इंडेक्स के दूसरे चरण को तैयार किया जा रहा है। पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स तैयार करने की प्रक्रिया नई दिल्ली में शुरू की गई। इस कार्यशाला में 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 250 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।

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    केंद्रीय मंत्रालयों के साथ विभागों के राष्ट्रीय पोर्टलों के आंकड़े आटोमैटिक एकीकृत होंगे।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण कर इन्हें नौ थीम में विभाजित कर पंचायतों के विकास का प्रयास चल रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाएं चल भी रही हैं, लेकिन विकास की गति सभी जगह समान रूप से नहीं है।

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    यह भी चिंताजनक है कि सत्यापित आंकड़ों के आधार पर पंचायतों के विकास को परखने के लिए पंचायतीराज मंत्रालय ने पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स 1.0 जब जारी किया तो पाया कि ए श्रेणी में देश की कोई पंचायत स्थान नहीं बना सकी।

    अब इंडेक्स के दूसरे चरण को कुछ सुधारों के साथ तैयार कराया जाना है। डाटा गवर्नेंस को मजबूत करने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों के साथ संबंधित विभागों के राष्ट्रीय पोर्टलों के आटोमैटिक एकीकरण की व्यवस्था बनाई गई है, ताकि खामियों को चिन्हित कर लक्षित विकास की रूपरेखा बनाई जा सके। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पंचायत एडंवासमेंट इंडेक्स तैयार करने की प्रक्रिया का शुभारंभ सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला से किया गया है।

    पंचायतों के विकास का सटीक विश्लेषण

    इसमें शामिल होने के लिए 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 250 से अधिक प्रतिभागी, संबंधित मंत्रालयों-विभागों के वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे हैं। पंचायतीराज मंत्रालय के इस कार्यक्रम में नीति आयोग, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, यूनिसेफ, यूएनएफपीए, ट्रांसफार्म रूरल इंडिया और पीरामल फाउंडेशन भी सहभागी हैं। कार्यशाला में प्रतिभागियों को बताया गया कि पंचायतों के विकास का सटीक विश्लेषण करने के लिए संकेतकों की संख्या पहले संस्करण में रहे 516 संकेतकों को घटाकर पीएआइ-2.0 में 147 में समायोजित कर दिया गया है।

    पंचायत सतत विकास लक्ष्यों की नौ थीम

    केंद्रीय मंत्रालयों के साथ विभागों के राष्ट्रीय पोर्टलों के आंकड़े आटोमैटिक एकीकृत होंगे और डैशबोर्ड पर दिखाई देंगे। इसके आधार पर यह चिन्हित करना आसान होगा कि कौन सी पंचायत सतत विकास लक्ष्यों की नौ थीम- गरीबी मुक्त और बेहतर आजीविका पंचायत, स्वस्थ पंचायत, बाल-अनुकूल पंचायत, जल-पर्याप्त पंचायत, स्वच्छ और हरित पंचायत, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाली पंचायत, सामाजिक रूप से न्यायसंगत और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत, सुशासन वाली पंचायत और महिला-अनुकूल पंचायत में से किसमें आगे और किसमें पीछे है।

    उसे देखकर पंचायत विकास योजना तैयार की जा सकेगी। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि पीएआइ केवल डाटा संग्रह का माध्यम नहीं है, बल्कि पारदर्शी, जवाबदेह और प्रदर्शन-आधारित पंचायत-स्तरीय शासन को संस्थागत बनाने का एक तंत्र है।

    55 से बढ़कर 95 प्रतिशत पहुंची एसडीजी डाटा उपलब्धता

    सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव सौरभ गर्ग ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में भारत की एसडीजी डाटा उपलब्धता 55 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 95 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे पीएआइ बेहतर मानकीकरण, सामंजस्य और दृश्यावलोकन के माध्यम से समावेशी, परिणाम-उन्मुख शासन के राष्ट्रीय लक्ष्य को आगे बढ़ा सकता है।

    नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार राजीव कुमार सेन ने कहा कि पीएआइ-2.0 स्थानीय प्रयासों को राष्ट्रीय और वैश्विक प्रतिबद्धताओं से जोड़ने वाला एक शक्तिशाली सेतु है। पंचायतीराज मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सुशील कुमार लोहानी ने पीएआइ के उद्देश्य और प्रक्रिया को विस्तार से समझाया।

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