दलाई लामा की अपील- मानसिक शांति के लिए गौतम बुद्ध के उपदेशों को करें आत्मसात
14वें दलाई लामा ने बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर अपील किया है कि मानसिक शांति के लिए सभी गौतम बुद्ध के उपदेशों को आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि बुद्ध ने कहा था कि उनके संदेशों को परखने के बाद ही आत्मासात करें।

नई दिल्ली, एएनआइ। Buddha Purnima: बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने सोमवार को अपील की कि सच्ची मानसिक शांति के लिए लोग गौतम बुद्ध (Gautama Buddha) के कहे गए वचनों पर ध्यान दें। वैशाख बुद्ध पूर्णिमा दिवस के मौके पर अंतरराष्ट्रीय बौद्ध कंफेडरेशन द्वारा आयोजित समारोह में 14वें दलाई लामा ने वीडियो संदेश दिया। उन्होंने कहा, 'आज हम वेसाक (Vesak) मना रहे हैं, इसी दिन छह साल की तपस्या के बाद बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। उन्होंने सलाह दिया था कि जैसे सोने को काटकर, रगड़कर और तपाकर जांचा जाता है उसी तरह मेरे उपदेशों को भी आप पूरी तरह से जांचने के बाद ही स्वीकार करना न कि मेरे लिए आदर भाव होने के कारण।'
उन्होंने आगे कहा, ' यह विचार बुद्ध के विशेष गुण का खुलासा करता है। मैं सभी धार्मिक परंपराओं का आदर करता हूं। ये सभी अत्यधिक वैल्यू वाले हैं क्योंकि इससे दया और क्षमा की सीख मिलती है। केवल बुद्ध ही हैं जिन्होंने ही अपने दिए गए सीखों व उपदेशों की जांच बिल्कुल उस तरह करने की बात कही है जैसे सुनार अपने सोने की करता है।'
बौद्ध शिक्षाएं मनुष्यों में करुणा, शांति और स्थिरता, आनंद पैदा करती हैं और वे मनुष्य और प्रकृति के बीच एक स्थायी संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकती हैं। बुद्ध की शिक्षाएं समाज को उनके बेहतर और अधिक मानवीय रूपों में बदल सकती हैं जैसा कि तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने दर्शाया है 20वीं सदी युद्ध और हिंसा की सदी थी, अब हम सभी को यह देखने के लिए काम करने और वार्ता की जरूरत है कि 21वीं सदी शांति की है।
बुद्ध की शिक्षाओं को अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंंचाने वाले दलाई लामा ने कहा कि शिष्यों को बुद्ध की शिक्षा के अनुसार तथागत के सत्य को प्रतिबिंबित करके अपना आध्यात्मिक अनुभव विकसित करना चाहिए।
दलाई लामा तीन प्रतिबद्धताओं में विश्वास करते हैं। इनमें वास्तविक खुशी के स्रोत के रूप में आंतरिक मूल्यों को बढ़ावा देना, अंतर-धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना, और तिब्बत की भाषा, संस्कृति और पर्यावरण का संरक्षण करना शामिल है।
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