Cyclone Mocha: म्यांमार से बांग्लादेश तक, कहां-कहां तबाही के निशान छोड़ गया तूफान 'मोका' ?
म्यांमार में चक्रवाती तूफान मोका ने भीषण तबाही मचाई। तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित म्यांमार का रखाइन प्रांत रहा। मोका ने अब तक छह लोगों जान ले ली जबकि हजारों लोगों को राहत और बचावकर्मियों ने अभी तक बचाया है। लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। तूफान 'मोका' ने म्यांमार से लेकर बांग्लादेश तक कहर बरपाया है। इस शक्तिशाली तूफान में हजारों लोगों के घर उजड़ गए। सैकड़ों लोग जख्मी हो गए और कई लोगों की जान भी चली गई। 1982 यानी 41 साल बाद आया सबसे स्ट्रांग साइक्लोन अपने पीछे तबाही का मंजर छोड़ गया है।
म्यांमार में छह लोगों की मौत
म्यांमार में चक्रवाती तूफान मोका ने भीषण तबाही मचाई। तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित म्यांमार का रखाइन प्रांत रहा। मोका ने अब तक छह लोगों जान ले ली, जबकि हजारों लोगों को राहत और बचावकर्मियों ने अभी तक बचाया है। लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। म्यांमार के पश्चिमी तट के पास के इलाकों में 12 फीट तक समुद्र का पानी भर जाने के कारण वहां फंसे करीब 1000 लोगों को सोमवार को बचावकर्मियों ने निकाला। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तूफान ने 850 घरों, 64 स्कूल, 14 स्वास्थ्य सुविधाएं और सात संचार टावरों को नुकसान पहुंचाया है।
रखाइन में 700 से अधिक लोग घायल
सितवे में रखाइन यूथ फिलांथ्रोपिक एसोसिएशन के एक नेता ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि तेज हवाएं चलने के कारण हुई घटनाओं में 700 से अधिक लोग घायल हो गए और करीब 20,000 लोगों ने सितवे में मठों, धार्मिक स्थलों और स्कूलों जैसे स्थानों पर शरण ली है।
209 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाएं, संचार व्यवस्था ठप
म्यांमार के मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात मोका ने दोपहर में म्यांमार के रखाइन राज्य में 209 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिससे संचार व्यवस्था ठप पड़ गई है।
दक्षिणी श्रीलंका में 2000 लोग प्रभावित, एक व्यक्ति लापता
तूफान मोका रविवार को बांग्लादेश और म्यांमार के तटीय इलाकों में 130 मील प्रति घंटे (लगभग 209 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ्तार से आया, जिससे रखाइन के शहरों में टिन की छतें उड़ गईं और पेड़ उखड़ गए। हालांकि, अब तक मोका से हुई असली तबाही का आकलन नहीं किया जा सका है। वहीं, तूफान के अप्रत्यक्ष प्रभाव के कारण दक्षिणी श्रीलंका में एक व्यक्ति लापता है और लगभग 2,000 लोग प्रभावित हुए हैं।
बांग्लादेश में भी मोका ने मचाई तबाही
तूफान मोका के मार्ग में आए बांग्लादेश के कॉक्स बाजार से पहले ही हजारों लोगों को निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचा दिया गया था। प्रमुख बंगाली दैनिक प्रोथोम अलो ने बताया कि सेंट मार्टिन द्वीप पर लगभग एक दर्जन लोग घायल हुए हैं, जबकि लगभग 300 घर या तो नष्ट हो गए या क्षतिग्रस्त हो गए। ढाका में बांग्लादेश मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि दोपहर तक ऐसा प्रतीत हुआ कि तूफान पूर्व की ओर बढ़ गया और देश का अधिकतर हिस्सा इससे अछूता रहा।
बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और सहायता कर्मियों ने शरणार्थी शिविरों में कई टन ड्राई फूड और दर्जनों एंबुलेंस पहले से ही रख दी थी, जहां म्यांमार में उत्पीड़न से भागकर आए 10 लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं।
मिजोरम में 230 से अधिक मकानों को हुआ नुकसान
तूफान से भारत भी अछूता नहीं रहा। मोका की वजह से मिजोरम के कई हिस्सों में घरों को नुकसान हुआ है। यहां कम से कम 236 मकान और आठ शरणार्थी शिविर क्षतिग्रस्त हुए हैं। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस तूफान के कारण 50 से अधिक गांवों में कुल 5,749 लोग प्रभावित हुए। राहत भरी बात यह रही कि इस दौरान किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
अधिकारियों के मुताबिक, जो 236 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनमें 27 पूरी तरह नष्ट हो गए, जबकि 127 को आंशिक नुकसान पहुंचा है। म्यांमार से सटे मिजोरम के दक्षिणी सियाहा जिले पर इस तूफान की सबसे अधिक मार पड़ी है, जहां दो राहत शिविरों समेत 101 मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।