Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    5 साल में भारत में साइबर फ्रॉड बढ़ा या घटा? मंत्री ने किया चौंकाने वाला खुलासा; देखे किस राज्य में कितने केस हुए रजिस्टर्ड

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 04:47 PM (IST)

    भारत में पिछले 5 सालों में साइबर फ्रॉड के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। गृह मंत्रालय के अनुसार 2021 से 30 जून 2024 तक 66 लाख से ज़्यादा साइबर अपराध दर्ज किए गए हैं। गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने बताया कि साइबर फ्रॉड के मामलों में 900% की बढ़ोतरी हुई है। 2024 में साइबर धोखाधड़ी के कारण नागरिकों को 22845.73 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

    Hero Image
    पिछले पांच साल में साइबर फ्रॉड के मामलों में करीब 900% की बढ़ोतरी हुई है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में पिछले 5 साल में साइबर फ्रॉड के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, 2021 से 30 जून 2025 तक कुल 66 लाख से अधिक साइबर अपराध रिपोर्ट हुए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने राज्यसभा में बताया है पिछले पांच साल में साइबर फ्रॉड के मामलों में करीब 900% की बढ़ोतरी हुई है।

    साल 2024 में कितने पैसों का हुआ साइबर फ्रॉड?

    गृह मंत्रालय के तहत I4C की ओर से संचालित राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) और नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली (सीएफसीएफआरएमएस) के अनुसार, 2024 में पूरे देश में साइबर धोखाधड़ी के कारण नागरिकों को होने वाले नुकसान की कुल राशि 22,845.73 करोड़ रुपये थी। ये साल 2023 में सिर्फ 7,465.18 करोड़ रुपये थी।

    सरकार के क्या की कार्रवाई?

    साइबर अपराधियों के खिलाफ सरकार की ओर से की गई कार्रवाई का ब्योरा देते हुए गृह राज्य मंत्री संजय कुमार ने बताया कि पुलिस अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, अब तक केंद्र सरकार की ओर से 9.42 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2,63,348 IMEI ब्लॉक किए जा चुके हैं।

    राज्य मंत्री ने कहा, "बैंकों/वित्तीय संस्थानों के सहयोग से I4C द्वारा 10 सितंबर, 2024 को साइबर अपराधियों की पहचान के लिए संदिग्ध रजिस्ट्री शुरू की गई थी। अब तक बैंकों से हासिल 11 लाख से अधिक संदिग्ध पहचानकर्ताओं के डेटा और 24 लाख लेयर 1 म्यूल खातों को संदिग्ध रजिस्ट्री की भागीदार संस्थाओं के साथ साझा किया गया है और इससे 4631 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है।"

    यह भी पढ़ें: पुणे में आपत्तिजनक वाट्सऐप पोस्ट को लेकर दो गुटों में झड़प, बेकाबू भीड़ पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज